
पड़ोसी एक ऐसा शब्द है, जिसका भूगोल संदर्भ के साथ बदलता रहता है। शहरीकरण की प्रक्रिया और आजीविका के लिए…
एक लंबे अरसे से भारतीय समाज में कुछ ऐसा घटित हो रहा है जो सभी चेतनशील नागरिक को असहज बनाता…
पिछले दिनों बिहार के कुछ गांवों में जाने का मौका मिला। एक गांव में तकरीबन बीस साल के बाद गया…
परीक्षाओं के इस मौसम में एक नया रुझान देखने को मिल रहा है। अध्यापक, माता-पिता, प्राचार्य और मीडिया के लोग…
आज ई-मेल और कूरियर के जमाने में भी डाकिये का महत्त्व कम नहीं हुआ है। अपने इस जीवन में तरह-तरह…
एक बड़ा आदमी मरा। कोई बड़ा यानी ऊंचे कद वाला आदमी मरता है तो शोकसभा आयोजित करना ‘स्टेटस सिंबल’ बन…
भारतीय सशस्त्र बलों में युद्ध अभियान में शामिल होना महिलाओं का हमेशा एक सपना रहा है। इसके लिए उन्होंने एक…
कुछ दिन पहले सुबह छह बजे दिल्ली में गोल मार्केट से राजीव चौक मेट्रो स्टेशन तक पैदल ही चला आ…
विश्वविद्यालय में शिक्षा हासिल करने के दिनों में वहां पास का बाजार अचानक खाली लगने लगता था, क्योंकि वहां आए…
शहरों-महानगरों में शांति और स्थिरता की खोज अपने आप में एक सपना हो चुका है। बल्कि यों कहें कि हर…
थोड़ी देर भी धूप में बैठने पर शीतल छांव की चाहत जाग उठती है, लेकिन छाया का स्निग्ध शीतल स्पर्श…
समीक्षा का मतलब है मूल्यांकन। यानी किसी भी कृति या रचयिता का गुण-दोष के आधार पर उचित ईमानदार, संतुलित और…