राजनीति
आजादी के बाद से देश की जनता के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सरकारों की योजनाओं की लंबी फेरहिस्त है। लेकिन हकीकत यही...
छोटे-छोटे शहरों में भी शॉपिंग कॉम्पलैक्स का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। वहां महंगे-महंगे उत्पादों के शोरूम खुल रहे हैं लेकिन किताबों की...
वैसे तो अगर स्त्रियां गोरी व सुंदर दिखना चाह रही हैं, तो यह उनकी मर्जी पर छोड़ा जाना चाहिए, पर अफसोस यह है कि...
मौसम की प्रतिकूलता किस कदर बढ़ती जा रही है, यह इसी से समझा जा सकता है कि कहीं भयानक सूखा तो कहीं बेमौसम अत्यधिक...
अभिभावकों को भी यह बात समझनी चाहिए कि कोई बच्चा किसी दूसरे बच्चे जैसा नहीं हो सकता। ऐसे में केवल किसी होड़ या सामाजिक...
एक तरफ हमारे देश में लाखों वेबसाइटें शुरू हो रही हैं, तो दूसरी ओर वेबसाइट हैकिंग की घटनाएं भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं।...
नौ सलाहकारों में अतिशी मरलेना भी शामिल हैं. अतिशी डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया की सलाहकार थीं।
कृषि और किसानों की गहन उपेक्षा का दौर जारी है। सरकारी कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ उठा रहे हैं, पर किसानों...
आमतौर पर यह माना जाता है कि मोटापा पश्चिमी देशों की ही समस्या है, लेकिन भारत में भी यह समस्या अपने पैर पसार रही...
जिस तरह कठुआ गैंगरेप पीड़िता की हत्या के बाद मोदी सरकार के मंत्री पेश आए हैं, उससे तकरीबन साबित हो गया है कि हिंदुत्व...
जैसी कि पिछले हफ्ते मैंने आशंका जताई थी, पंद्रहवें वित्त आयोग के लिए तय किए गए दायरे के कारण लगी आग फैल गई है।...
दुनिया की कुल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा दस प्रतिशत है। 2015 में भारतीय सड़कों पर हुए हादसों...
जम्मू के कठुआ से लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव तक जो हुआ उससे दुखद कुछ नहीं हो सकता। लेकिन इन्हीं बर्बरताओं के बीच पता...
घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली महिलाओं की बड़ी संख्या बंधुआ मजदूर जैसा जीवन जीने को विवश है। सामान्यत: उनके साथ ऐसा...
देश में पानी के अधिकांश स्थानीय स्रोत सूख चुके हैं। सैकड़ों छोटी नदियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। संरक्षण के अभाव में देश...
हमारे यहां सैकड़ों-हजारों टन अनाज लोगों तक पहुंचने की बजाय कुछ सरकारी गोदामों में, तो कुछ इधर-उधर अव्यवस्थित ढंग से रखे-रखे सड़ जाता है।...
देश के अधिकतर शहरों में खड़े हो रहे ये कूड़े के पहाड़ स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं।...
चुनाव ड्यूटी, जनगणना जैसे कार्यों के बाद अब मिड-डे मील या आयरन की गोली खिलाने जैसे कार्यों में शिक्षक को नियुक्त करने वाली व्यवस्था...