दुनिया मेरे आगे
इतिहास साक्षी है कि मनुष्य के संकल्प के सामने नकारात्मक शक्तियां भी नाकाम हो जाती हैं।
अक्सर हमें ऐसे इंसान की तलाश होती है, जिससे हम अपना सुख-दुख, हर्ष-विषाद, हंसी-खुशी साझा कर सकें और अपनी इन्हीं अनकही भावनाओं को खुल...
जिंदगी एक पहाड़ है। इसके एक-एक पड़ाव एक-एक चोटी हैं। जैसे-जैसे ऊपर चढ़ते जाएंगे, थकान बढ़ती जाती है।
चिंतक लोर्का ने एक स्थान पर लिखा है कि ‘जीवन और कुछ भी नहीं है, बल्कि घटनाओं से भरा हुआ एक संघर्ष है।’ इसके...
भूखा आदमी परेशान है। एक छोटा-सा परिवार भी है उसका। कितनी भयानक सर्दी है। पेट में अन्न का दाना नहीं।
किसी पत्र-पत्रिका में मेरी कोई रचना छपती और वह मेजर साहब की नजर से गुजरती है, तो उनका फोन आता ही है।
चाहे समय अनुकूल हो या प्रतिकूल, गांधी अपने प्रतिदिन के कार्यों का हिसाब अपनी डायरी में रखते थे और सोने के पहले पलट कर...
नब्बे साल की बुजुर्ग महिला ने कहा- ‘मैं अगला जन्म लूंगी तो ये मोटी-मोटी बड़ी किताबें पढूंगी।’ उनके मन की कसक मुझे कहीं अंदर...
पिता-पुत्र या भाई-भाई के भिन्न विचारों को लेकर होने वाले झगड़े या मनमुटाव को हमारा समाज सामान्य रूप में स्वीकार कर लेता है, लेकिन...
बाघों, शेरों सहित कई वन्य जीवों की घटती संख्या के बारे में आए दिन हम अखबारों में पढ़ते और टीवी पर देखते-सुनते हैं।
सुबह की प्रकाश किरणें जब खिलती हैं, तो वातावरण प्रफुल्लित हो उठता है। पशु-पक्षियों की आवाजें हमारे कानों में गूंज उठती हैं।
हिंदी फिल्म निर्माताओं के प्रति राष्ट्र को कृतज्ञ होना चाहिए, जिन्होंने ढाई अक्षर के शब्द प्यार शीर्षक से पर्याप्त फिल्मों का निर्माण कर...
हममें से बहुत कम लोग व्यक्तियों, घटनाओं और विचारों को समग्रता से देख, परख और समझ पाते हैं।
ख्वाब देखा जाए या सपना, बात एक ही है। बस भाषा का फर्क है। भाषा वही जो दिलों में उतर जाए।
प्रेम के बारे में कहा जाता है कि यह मिलन में ही नहीं, विरह में भी महसूस किया जा सकता है। प्रेम मधुर कल्पना...
रिश्तों में सबसे अच्छा रिश्ता कौन-सा? पूछिए किसी से भी, वह कहेगा दोस्ती का। दोस्ती का ही क्यों? क्योंकि दोस्तों में किसी तरह की...
भागदौड़ भरी जीवन शैली ने जीवन की छोटी-छोटी बातों की तरफ हमारा ध्यान जाने से लगभग रोक दिया है।