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जनसत्ता

‘जनसत्ता’ देश के अत‍ि प्रत‍िष्‍ठ‍ित अखबारों में से एक है। इसकी शुरुआत 1983 में हुई थी। इसके संस्‍थापक संपादक प्रभाष जोशी थे। मौजूदा संपादक मुकेश भारद्वाज हैं। जनसत्ता इंडियन एक्सप्रेस समूह का हिन्दी अख़बार है। यह दिल्ली, कोलकाता, चंडीगढ़ और लखनऊ से प्रकाश‍ित होता है। इस अखबार की शुरुआत पत्रकार‍िता के जनसरोकारी तेवर के साथ हुई थी। देश में पत्रकारिता को नया आयाम देने वाले अख़बारों में जनसत्ता का नाम अग्रणी है। हिंदी में खोजपरक पत्रकारिता को नए तेवर देने का श्रेय भी जनसत्ता के नाम ही है। जनसत्‍ता ने अपनी खास शैली, सहज भाषा, धारदार संपादकीय और व‍िचारोत्‍तेजक लेखों के दम पर अपनी खास पहचान बनाई। दुनिया मेरे आगे, समांतर, देखी-सुनी आदि जनसत्ता के सबसे पसंदीदा स्‍तंभ बने। अखबार का रविवासरीय संस्करण `रविवारी जनसत्ता’ भी विविधतापूर्ण पठनीय सामग्री से भरा होता है। जनसत्‍ता के पत्रकारों की टीम आपके ल‍िए यह सब पठनीय सामग्री रोज तैयार करती है। यह सब आप यहां पढ़ सकते हैं। जनसत्ता को फॉलो करें…
Mobile | children
बच्चों से दूर हुईं धमा-चौकड़ी, शरारतें, खिलंदड़ापन और ठिठोलियां वीडियो गेम, कार्टून, गेमर-हैकर ने ली जगह

सर्दियों में अलाव के आसपास किस्से-कहानियों की दुनिया आबाद हो जाती थी। कुछ कहानी तो पूरी की पूरी गाकर सुनाई…

Pakistan Political Crisis | Imran Khan | Islamabad High Court
पाकिस्तान : मुश्किल में इमरान खान, पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी पर पाबंदी के लिए बढ़ रहा दबाव

खबरों के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 60 से अधिक नेताओं ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों का हवाला देते हुए…

afghan university ban
अफगान सीमा : ईरान व तालिबान में पानी पर बढ़ा विवाद, सुरक्षा बलों में हो चुकी है कई दफा गोलीबारी

इस महीने की शुरुआत में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने तालिबान को हेलमंद नदी पर ईरान के जल क्षेत्र…

water pollution
नदियों को स्वच्छ करने में खर्च कर दिये गये अकूत धन, प्रदूषण के कारखानों ने नहीं छिपने दी हकीकत

अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी ने उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त निगरानी समिति, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)…

Job crisis in India
कौशल विकास: भारत में तीस फीसदी उच्च शिक्षित लोग बेरोजगार 90 फीसदी कामगार देते हैं कम उत्पादकता

भारत को कौशल विकास पर ही नहीं, कौशल आधारित रोजगार के अवसरों पर भी जोर देना होगा। उद्योगों की जरूरतों…

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