
कोरोना काल में बहुतों के लिए रोटी और मकान एक बड़ा अभाव बन गए। कपड़े भले थोड़े बहुत तन पर…
घर से काम करने के फायदे और नुकसान, दोनों थे। जब लोग तय समय पर काम पर जाते थे तो…
न कहने के अपने तर्क हो सकते हैं। पर देखने की बात यह है कि न कैसे और क्यों कहा…
हमारे यहां संयुक्त परिवार थे। एक-दूसरे से गुंथे-उलझे घर के सदस्य! सुख-दुख में एक साथ! गमी-कमी में एक साथ! सुख-सुविधाओं…
सृष्टि का सारा वजूद चलने की प्रक्रिया के कारण कायम है। प्रकृति का संतुलन सौरमंडल की चाल पर निर्भर है।…
कोयल का कूकना और आम का मौसम, ये एक महज संयोग हैं। यों कोयल का भोजन आम नहीं है। हालांकि…
अगर जीवन के हर एक क्षण को हम कुदरत का प्रसाद मान ले तो सारे तनाव एक क्षण ही में…
मैं जिन हालात में जी रहा था, उनमें वे बाल पत्रिकाएं मेरे लिए जीवन का आधार थीं। मैं उनके बिना…
मन की सक्रियता ही सार्थक जीवन की नींव होती है। विचारों को भली-भांति पकड़ कर उनका अनुसरण करते हुए खुलेपन…
उनका फोन अक्सर आता रहता है। रिटायरमेंट के बाद मुंबई में वे घर पर अकेले रहते हैं। पत्नी का देहांत…
अपने आसपास अगर हमें सबसे ज्यादा किसी चीज की जरूरत होती है, तो वह है साफ-सफाई। लेकिन इसके लिए गंदगी…
जाते-जाते ‘भगवन’ कह गए थे- ‘शाम-शाम लौट आऊंगा, अपने ‘भक्त’ से मिल कर। एकतारा यहीं, तुम्हारे पास छोड़ जाता हूं।’…