
खरीदारी एक बड़ा ‘कैथारसिस’ होता है और यह अवसाद से भी मुक्त करता है। आज जब घरों में एकल परिवारों…
अभी तक घर के बच्चे दादा-दादी के गोद में सोते और नाना-नानी से परियों की कहानी सुनते। परंपरावाद और रूढ़िवाद…
शिक्षा संस्थानों के नियामकों ने बिना अधिक सोच-विचार किए ही ई-शिक्षा के कार्यक्रम जारी कर दिए। अब भी इस मसले…
मनोवैज्ञानिकों का भी कहना है कि जब आप किस्सों में डूब जाते हैं तो आप असल में दूसरे की जिंदगी…
हमारी लोक-परंपराओं में किस्से-कहानियों के जरिए लोकमानस भी तैयार होता रहा है। यह लीक पहले की तरह अमिट रहनी चाहिए।…
बीते बारह महीने न सिर्फ बारहमासा गाने वाले देश पर बल्कि सभ्यता के अलग-अलग छोर और मुकाम पर बैठे मुल्कों…
किसी भी काम को अच्छे से सीखने-समझने के लिए ठहराव का होना थोड़ा जरूरी होता है। छोटा मार्ग आकर्षित जरूर…
मोती की आभा वाले और सितारों के आकार के ये नन्हे-नन्हे फूल इतने क्षणभंगुर न होते तो फूलों से किसी…
आज के परिदृश्य में माता-पिता जरूरत से ज्यादा फिक्रमंद हैं। हमेशा बच्चे को अपनी नजरों के सामने रखना चाहते हैं।…
अनुभूतियों के साथ हर क्षण हमारा साक्षात्कार होता रहता है। अनुभूतियों की सघनता जब हमारे अंतर्मन को स्पर्श करती है…
यह चिंतन करने का समय तो है ही कि हम ये कैसी कुसंगति में फंस गए कि दैनिक जीवन से…
गौरतलब यह कि जिस परिवार संस्था को बचाए रखने के लिए भारतीय समाज की चर्चा दुनियाभर में होती है, उस…