
स्थिति बिगड़ी है तब वृक्षारोपण की याद आने लगी है। वृक्षारोपण या पौधारोपण के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद होते…
आत्महत्या को समझने के लिए पुलिसिया जांच की जरूरत नहीं होती, बल्कि सामाजिक तौर पर इसकी जांच होनी चाहिए।
यह कोई छिपी बात नहीं है कि जगह-जगह थूकने से कई तरह के रोग फैलने की आशंका हमेशा बनी रहती…
1950 के दशक में बेटियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार देने की बात करना आसान नहीं था। जो भी यह…
हमारे देश में सफाई भी वही रख सकता है, जिसके पास सफाई रखने के साधन हों। पानी हो। रहने के…
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया में होने वाली कुल मौतों में से एक चौथाई के लिए पर्यावरणीय…
पुरानी पीढ़ी को भी यह समझने की जरूरत है कि दुनिया में संचार और संपर्क का जरिया और संजाल फैलते…
निर्भया कांड और उसके चरम हिंसात्मक प्रतिबिंबों से दहला यह समाज अपनी प्रतिक्रिया से उसे हर संभव ऐतिहासिक बना गया,…
समाज सामुदायिक भावनाओं की वह इकाई है, जिसके व्यापकता ग्रहण करने पर राष्ट्रीय स्वरूप सामने आता है। सामाजिक संदर्भों में…
पिछले दिनों गांव जाना हुआ तब पता चला कि शहरी सभ्यता का जामा ओढे़ बहुत सारे लोग कुछ मायने में…
ठीक ही यह माना जाता है कि यह दायित्व माता-पिता का ही है कि वे अपनी संतान में ‘साझा’ करने…
हमारे समाज में बच्चों को शक्ति और सत्ता से नियंत्रित करने की परंपरा और उसकी स्वीकृति बड़े पैमाने पर और…