दुनिया मेरे आगे: सर्द संवेदनाएं
आजकल मौसम का क्या रंग है, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन इसी के बीच हम सबका जीवन चलता रहता है। हम मनुष्यों का...
दुनिया मेरे आगे: कहां गए पंछी!
अब मनुष्य बाहर नहीं, तो जैसे पशु-पक्षियों की गतिविधियां भी थम गई हैं। भोजन के लाले पड़े हैं, सो अलग से। बताया जा रहा...
रविवारीः बुजुर्ग महिलाओं के सपने
बुजुर्गों की देखभाल, उनके भरण-पोषण, सेहत आदि की समुचित व्यवस्था को लेकर सरकारें चिंतित देखी जाती हैं। अदालतों ने भी सख्त निर्देश दे रखे...
संकीर्ण मानसिकता की जड़ें
फिल्मी अभिनेता-अभित्रियों के रिश्तों को लेकर मनगढ़ंत और चटखारेदार चर्चाएं आम होती हैं। मगर जब कोई अभिनेता और अभिनेत्री खुद किसी के साथ अपने...
सौंदर्य के बाजार में पुरुष, प्रसाधन का कारोबार और भेदभाव के रंग
अभी तक सजना-संवरना सिर्फ महिलाओं का शौक माना जाता था, पर अब पुरुष भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। पहले गोरेपन की क्रीम...
स्टार पुत्र-पुत्रियों का बोलबाला
ते वर्ष दो नई अभिनेत्रियों की काफी चर्चा रही। सारा अली खान और दूसरी जाह्नवी कपूर। सारा की फिल्म केदारनाथ और जाह्नवी की फिल्म...
रविवारी: बचपन की नई बुनियाद
बदलते समय, तकनीकी विस्तार, छोटे होते परिवार, माता-पिता की बढ़ती व्यस्तताएं, समाज के सिकुड़ते दायरे, पढ़ाई-लिखाई के बदलते स्वरूप आदि का प्रभाव बच्चों पर...
राजनीतिः कानून लागू करने की चुनौती
कानून कुछ भी कहते रहें, कानून एक सहारा तो देता है। लेकिन समाज अपनी धारणाओं को क्यों नहीं बदल पाता, यह सोचने की बात...
आधी दुनियाः जो हारी हैं, दुखियारी हैं…
पिछले दिनों एक अस्सी साल की कृशकाय बूढ़ी अम्मा से मुलाकात हुई थी। वह लाठी टेकती मिली थी। पता चला कि उसका इकलौता बेटा...
आधी दुनियाः हकीकत और फसाना
हाल में टॉम्सन रायटर फाउंडेशन ने एक सर्वे रपट जारी की। सर्वे में औरतों के बारे में लोगों की राय पूछी गई थी। बताया...
आधी दुनिया: चलीं अकेली घूमने
हाल ही में एक परिचित अविवाहित लड़की से बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई। पता चला कि उसने अपनी पहले वाली नौकरी छोड़ दी है।...
दुनिया मेरे आगे- लाचार तीमारदार
अस्पतालों को सोचना चाहिए कि मरीज की देखभाल करने वालों का स्वस्थ रहना भी उतना ही जरूरी है, वरना वे कैसे अपने किसी बीमार...
झूठ और सच के बीच
कसर हम अपने बच्चों को सिखाते हैं कि वे हमेशा सच बोलें, झूठ बोलना बुरी बात है। अच्छे बच्चे वे होते हैं, जो कभी...
दुनिया मेरे आगेः ठगी के चेहरे
करीब दो महीने पहले की बात है। दोपहर का समय था। मैं पति के साथ बैठी थी। उनके पास एक फोन आया, जिसमें उधर...
भाषा- सिकुड़ती मातृभाषाएं
जब तक लोगों के पास पैसा नहीं आता, वे मलयालम माध्यम के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते हैं, लेकिन जैसे ही पैसा आता है,...
आधी दुनिया- उद्यमशीलता से कामयाबी
हमारे एक मित्र राजेश कालिया कोट्टयम (केरल) में रहते हैं। कुछ साल पहले जब वे दिल्ली आए तो उनसे मिलने गई थी। पत्रकार मित्र...
स्त्री विमर्श के अंतर्विरोध
स्त्री विमर्श की वह छतरी, जिसके बारे में धारणा थी कि वह सभी स्त्रियों के समान अधिकार और आरक्षण दे सकती है, उसमें पिछड़े...
लाइलाज शक: जान गंवाती औरतें
अपने समाज में मारपीट और घरेलू हिंसा का बड़ा कारण शक को ही माना जाता है। खैर, उस लड़की का अब दूसरा विवाह हो...