सवाईसिंह शेखावत कुलदीप कुमार का आलेख ‘शब्द छल के सहारे’ (14 दिसंबर) भाजपा के कुनबे की कथित राष्ट्रवादी हरकतों का…
वीरेंद्र यादव ‘‘खड़े क्या हो बिजूके से नरेश/ इससे पहले कि गिर जाए समूचा वजूद/ एकबारगी/ तय करो अपना गिरना/…
सय्यद मुबीन ज़ेहरा उठो बेटा स्कूल को देर हो रही है। नहीं अम्मा आज ठंड हो रही है, नहीं जाऊंगा।…
तरुण विजय जिनका देश, समाज, उसके चिंतन और गरीबी में पल रहे करोड़ों भारतीयों की हालत सुधारने से कोई सरोकार…
अशोक वाजपेयी मुंबई की एशियाटिक सोसायटी के दरबार हॉल में जब दो खंडों में प्रकाशित पुस्तक ‘कालजयी कुमार गंधर्व’ (राजहंस…
रमेश दवे प्राय: हर कलाकार अपने अंदर प्रतियोगिता जीता है। यह प्रतियोगिता वह समकालीनों से तो करता ही है, अतीत…
अनिल पुष्कर उर्मिला जैन के संग्रह गुनगुनी धूप का एक कतरा की कविताएं स्त्री वेदना को स्वर देती हैं। यहां…
अनंत विजय उन्नीस सौ सत्तावन में नई कहानी पर टिप्पणी करते हुए हरिशंकर परसाई ने कहा था- ‘जहां तक कहानी…
मुंबई हमले के मुख्य आरोपी जकी-उर-रहमान लखवी की रिहाई के बाद उचित ही आतंकवाद से लड़ने को लेकर पाकिस्तान की…
करीब सात महीने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना पंजीकरण के राजधानी में अवैध तरीके से चल रहे इ-रिक्शा मालिकों…
धर्मेंद्रपाल सिंह यह बात काफी पहले पता चल चुकी थी कि उदारीकरण का दौर शुरू होने के बाद से देश…
बीनू पिताजी की मामी को हम दादी कह कर बुलाते थे। कुछ समय पहले उनका निधन हो गया। महीने भर…