
गौरतलब है कि अस्सी के दशक के मध्य से ही कश्मीर में अलगाववादी संगठनों की गतिविधियां जोर पकड़ चुकी थीं।
हमारी कृषि आधारित समृद्धि खैबर और हिंदूकुश दर्रों से उतर कर आने वाले आक्रांताओं के पैरों तले बार-बार रौंदी गई।
स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की परिकल्पना अब चीन के भू-रणनीतिक और भू-आर्थिक प्रतिरोध का पर्याय बन गई है।
जम्मू-कश्मीर से उमरान मलिक एक ऐसा तेज गेंदबाज उभरा है, जिसके प्रदर्शन की गूंज अपने देश में ही नहीं, दुनिया…
दरअसल पटेल का कार्य काल 2020 में समाप्त हो चुका था लेकिन दो साल बाद तक भी उन्होंने फेडरेशन अध्यक्ष…
भारतीय बैडमिंटन का नाम आते ही साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और जी ज्वाला का नाम आता हैं।
हैदराबाद में एक साल पहले की तुलना में जनवरी-मार्च, 2022 की अवधि में आवासीय इकाइयों की कीमत नौ फीसद बढ़…
सरकार ने 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों के लिए शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) संबंधी अधिसूचना जारी कर…
आज रोजगार की तलाश में लोग एक-स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बस गए और भौतिक सुख-सुविधाओं की आंधी में…
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