Coronavirus Cases in Rajasthan District-Wise, City-Wise Today : कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अब नॉन हॉटस्पॉट जोन्स में आर्थिक गतिविधियां चालू करनी होंगी, वरना लोग भूख से मर जाएंगे। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने साफ कहा- आर्थिक गतिविधियां चालू होनी चाहिए, क्योंकि राज्यों का राजस्व अब शून्य पर आ पहुंचा है। जब रेवेन्यू नहीं होगा, तब राज्य कैसे काम करेंगे?
लोगों को देने के लिए सैलरी नहीं होगी तो कर्मचारियों का क्या होगा? उन्हें भी सैलरी मिलनी चाहिए। ऐसे में आज की जरूरत है कि नॉन हॉटस्पॉट जोन्स में आर्थिक गतिविधियां चालू हों। अन्यथा लोग भूखों मर जाएंगे। मैं नहीं कह सकता कि कोरोना से कितने लोग मरेंगे, पर अगर स्थिति ऐसी ही रही, तब लोग भूख से जरूर मर जाएंगे।
इससे पहले, असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने बताया कि राजस्थान के कोचिंग केंद्र कोटा से असम के 390 से ज्यादा विद्यार्थी बसों से अपने राज्य लौट आए हैं और उन्हें 14 दिन के लिए पृथक वास में रखा गया है। सरमा और उनके कनिष्ठ मंत्री पीयूष हजारिका सरूसाजई पृथक केंद्र में विद्यार्थियों का हाल-चाल जानने के लिए पहुंचे थे। ये विद्यार्थी अल सुबह तीन बजे सोमवार को बसों से यहां पहुंचे।
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स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ कोटा से लंबी दूरी की यात्रा करने के बाद 391 विद्यार्थी अपने चेहरों पर मुस्कान समेटे राज्य लौट आए। उनके और उनकी परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए उन्हें 14 दिन के पृथक वास में रखा गया है।’’ छात्रों को सरूसाजई पृथक केंद्र और छात्राओं को तीन होटलों में रखा गया है।
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कोटा से बृहस्पतिवार को विद्यार्थियों ने 2,000 किलोमीटर की लंबी यात्रा शुरू की थी। मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए कोटा देश के मुख्य कोचिंग केंद्रों में से एक है। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से विद्यार्थी विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं।
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राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण संकट के दौरान ड्यूटी करते समय संक्रमण से राज्य सरकार के किसी कर्मचारी-अधिकारी की मौत पर उसके परिजनों अथवा आश्रितों को 50 लाख रूपए की अनुग्रह राशि देने का निर्णय राज्य के स्वायत्त-शाषी निकायों, बोर्ड, निगम आदि के कर्मचारियों-अधिकारियों के संदर्भ में भी लागू होगा। राज्य के वित्त विभाग ने इस बारे में सोमवार को एक अन्य आदेश जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार के किसी भी कार्मिक की तर्ज पर ही स्वायत्त-शाषी निकायों, बोर्ड, निगम आदि के कार्मिकों की कोरोना वायरस संकट के दौरान ड्यूटी पर संक्रमित होने के चलते मौत होने पर उसके परिजनों को भी यह अनुग्रह राशि दी जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि संबंधित स्वायत्त निकाय, बोर्ड या निगम के अध्यक्ष इस राशि के लिए स्वीकृति जारी करेंगे। राशि का भुगतान संबंधित निकाय के अपने मद से किया जाएगा।
सूर्यनगरी में गत तीन दिन से कोरोना संक्रमितों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जोधपुर में कोरोना के कहर से अब तक छह लोगों की मौत हो गई है, जिनमे तीन महिलाएं हैं। वहीं, संक्रमितों की सख्या भी 350 से अधिक हो चुकी है।
14 राज्यों में फंसे राजस्थान के श्रमिकों को लाने की तैयारी राज्य सरकार ने कर ली है। इसकी जिम्मेदारी 19 आईएएस और आईपीएस अफसरों को सौंपी गई है। इन अधिकारियों को उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों का प्रभार दिया गया है। जो श्रमिक आएंगे, उन्हें 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रखा जाएगा।
नागौर में संक्रमितों की संख्या अब 114 हो गई है। अकेले बासनी बेलिमा गांव में संक्रमितों का आंकड़ा 102 हो गया है। बासनी के अलावा लाडनूं के 6 और परबतसर क्षेत्र से भी 4 पॉजिटिव सामने आ चुके हैं।
राजस्थान में पुलिस और होमगार्ड के लगभग एक लाख जवान जिला प्रशासन व अन्य विभागों के साथ मिलकर आम लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण महामारी से बचाने में जुटे हुए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) बी. एल. सोनी ने बताया कि राज्य के 20 जिलों में 90 से ज्यादा ऐसे थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है, जहां हॉटस्पॉट हैं। इन क्षेत्रों में पुलिस मुस्तैदी से नियमों की पालन करवाने में लगी है। उन्होंने बताया कि राज्य में लॉकडाउन का उल्लंघन कर अकारण घूमते पाये गये करीब 10 हजार लोगों को सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया। पूरे राज्य में 13 हजार से अधिक ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने महामारी के चलते कानून तोड़ा है। सोनी ने बताया कि लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के करीब 1575 मुकदमे दर्जकर 3687 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पुलिस ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामले में भी प्रभावी कार्रवाई करते हुए अब तक 173 मुकदमे दर्ज कर 247 लोगों के खिलाफ अभियोग दर्ज किया है।
मुस्लिम मोची मोहल्ले में संक्रमितों की संख्या 100 पहुंच गई है। हालांकि, इनमें से ज्यादातर लोगों में संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब यहां घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम स्क्रीनिंग कर रही है। जिले में अब तक 123 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।
नर्सिंगकर्मियों ने कहा है कि उन्हें ना तो मास्क दिए गए हैं और ना ही सेनिटाईजर। कोरोना संदिग्ध नर्सिंगकर्मियों ने आइसोलेशन के दौरान उन्हें खराब भोजन देने का भी आरोप लगाया है। नर्सिंगकर्मियों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो देश सेवा के लिए अस्पताल आकर अपनी जान देकर भी लोगों की सेवा करेंगे, लेकिन छह हजार की नौकरी नहीं करेंगे।
राजस्थान के झालावाड़ में कम वेतन, पीपीई किट्स और मास्क न मिलने का आरोप लगाते हुए 100 नर्सिंग स्टाफ ने इस्तीफा दे दिया है। नर्सिंग स्टाफ ने कहा है कि वह छह हजार रुपए वेतन के साथ नौकरी नहीं कर सकते. साथ ही प्रशासन कोरोना वायरस से बचने के लिए उन्हें जरूरी सामान भी मुहैया नहीं करा रहा है। नर्सिंगकर्मियों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल चिकित्साकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, बावजूद इसके ना तो नर्सिंगकर्मियों की कोरोना जांच करवाई गई है और ना ही कोविड 19 वार्ड में ड्यूटी होने के बावजूद कोई उपकरण दिए जा रहे हैं।
जयपुर में 24 साल की महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई। रविवार को मौत के बाद सोमवार को महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। महिला के नवजात के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। दूसरी मौत, भरतपुर के वैर तहसील में 20 साल की महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई। नवजात भी मृत अवस्था में पैदा हुआ।
12 घंटे में राज्य में संक्रमण से छह लोगों की मौत हुई। इसमें जयपुर में चार, जोधपुर और भरतपुर में एक-एक की जान गई। मृतकों की उम्र 20 साल से लेकर 62 साल के बीच है। इनमें चार महिला और दो पुरुष हैं। दो महिलाओं की मौत प्रसव के दौरान हुई।
राज्य में राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने दावा किया कि 14 अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमण फैलने के हालात पर काबू पाया गया है । कोरोना की वृद्धि दर में कमी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर कोराना संक्रमण की दर शुरूआत की स्थिति में होता तो वर्तमान में पॉजिटिव केस की संख्या 3400 के करीब होती। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन साढ़े चार हजार सैंपल लिए जा रहे हैं । सरकार के पास 5,256 प्रतिदिन सैंपल टेस्ट करने की कैपिसटी है।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को जयपुर में चार और लोगों की मौत के मामले सामने आए। इसके अलावा भरतपुर में भी वायरस से एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस बीच सोमवार दोपहर दो बजे तक राज्य में संक्रमण के 49 नये मामले आए, जिनमें जयपुर में 19, झालावाड़ में नौ, टोंक में आठ, जोधपुर में छह, कोटा में चार तथा जैसलमेर—अजमेर एवं भीलवाड़ा में एक-एक नया मामला शामिल है। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के अलावा 61 वे लोग भी शमिल हैं, जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर एवं जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है।
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से पांच और लोगों की मौत हो गई और संक्रमण के 49 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,234 हो गयी। राज्य में इस वायरस के संक्रमण से कुल 46 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जिनमें से 25 लोगों की मौत केवल जयपुर में हुई है।
भाजपा (ओबीसी मोर्चा) भरतपुर की ओर से आज रूपवास तहसील के गांव नगला बोसोली में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। अस्पतालों में कोरोना महामारी के चलते रक्त की भारी कमी है । ऐसे में ओबीसी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा के जिला अध्यक्ष गिरधर सिंह पटेल के नेतृत्व में रक्तदान किया ।
लॉकडाउन के बीच किसानों के लिए कृषि उपज बेचना आसान बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम व केन्द्रीय भण्डारण निगम के वेयर हाउसेज को गौण मण्डी का दर्जा देने की स्वीकृति प्रदान की है
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश और राज्यों में एक बार में लॉकडाउन हटाए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। और, यह हटना भी नहीं चाहिए। इसे लगाना आसान है, पर हटाना नहीं। उन्होंने आगे बताया- हमारा सूबा मिलकर कोरोना से मुकाबला कर रहा है। 2152 केस में 518 ठीक हो चुके हैं। सबसे अधिक टेस्ट हमारे यहां हुए हैं। रोज पांच हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य में जिन 22 लोगों की मौत हुई हैं, वे अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। उनकी उम्र भी अधिक थी। हमने इसे बीमारी को काफी हद तक रोका और आगे भी काबू करेंगे।
'जो भीलवाड़ा में किया, वह बाकी जगह क्यों नहीं कर पाए?' एक टीवी चैनल द्वारा यह पूछे जाने पर सीएम ने बताया, “इलाके के हिसाब से अन्य जगहों की स्थिति है। इलाके घने हैं। एक गली में अधिक लोग रहते हैं। लोगों ने एक महीने घर पर रहने की तपस्या की है। अगर हमने चीजें चालू कर दीं, तो लोगों की तपस्या बेकार हो जाएगी। हालांकि, उद्योग और दुकानें खुलना भी जरूरी हैं।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिक एवं अन्य लोग राज्य सरकार के प्रयासों के चलते जल्द ही घर लौटेंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वह घर लौटने वाले इन प्रवासी बंधुओं की हर संभव मदद करे और उनका नैतिक समर्थन करे। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य सरकार के अथक प्रयासों के बाद राजस्थान के प्रवासी बंधु श्रमिक जल्द ही अन्य राज्यों से अपने घर लौटेंगे। बंद लागू होने के दौरान इन लोगों ने बहुत परेशानियों का सामना किया है। अब जब वे लौट रहे हैं, तो यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उनका ध्यान रखें और उनके लिए भोजन, दवाइयां एवं पृथक-वास सुविधाएं सुनिश्चित करने में मदद करें।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘मेरी प्रदेशवासियों से अपील है कि वे घर लौटने पर प्रवासी बंधुओं का सहयोग करें।’’ राज्य सरकार ने इस मामले में अन्य राज्यों के साथ समन्वय बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम लगाई है।
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के 36 नये मामले सामने आने से राज्य में इस वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या सोमवार सुबह बढ़कर 2,221 हो गयी। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह नौ बजे तक राज्य में 36 नये मामले सामने आए, जिनमें जयपुर में नौ, झालावाड़ में नौ, टोंक में छह, कोटा में चार और जैसलमेर एवं भीलवाड़ा में एक-एक नया मामला शामिल है।
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के अलावा 61 वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर एवं जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद 41 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में रोगी किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ किया है कि एक बार में पूरी तरह से लॉकडाउन हटाना संभव नहीं है। रविवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में वह बोले, “हर राज्य की अलग स्थिति है। राज्यों में भी अलग इलाके हैं। जिलों की स्थिति है, उसी आधार पर फैसले होंगे। लॉकडाउन लगाना आसान है, पर इसे हटाना आसान है। कई चीजों पर गौर करना होगा। हम सारी चीजें देखकर फैसला लेंगे। एक साथ लॉकडाउन हटने की बात तो संभव ही नहीं है। फिर चाहे देश में या राज्य में। मुझे लगता है कि एक साथ तो नहीं हटेगा, न ही हटना चाहिए।”