नहीं मिले हैं वैज्ञानिक प्रमाण: ‘दी इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी खबर के मुताबिक ICMR के डाइरेक्टर जनरल प्रोफेसर डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि मौसम बदलने या तापमान के बढ़ने से कोरोना वायरस का प्रभाव कम होगा या नहीं इस बारे में अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इसे लेकर कोई भी डाटा या सबूत अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस वायरस से बचाव के भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दी है।
सरकार ने दिए परीक्षण दिशा निर्देश: देश में अब तक 125 लोग इस वायरस से पीड़ित हैं। भारत सरकार बढ़ते कोरोना के कहर के देखते हुए इसके संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में कोरोना से लड़ने के लिए परीक्षण दिशानिर्देश दिए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 का कोई कम्यूनिटी ब्रॉडकास्ट नहीं हुआ है।
सामाजिक भेद पर्याप्त नहीं: डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयस के अनुसार केवल सोशल डिस्टेंसिंग से इस घातक वायरस को रोकना मुश्किल है। कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण (Comprehensive Approach) की आवश्यकता है। अपने हाल के ट्वीट में उन्होंने एचआईवी से संक्रमित और कुपोषित बच्चों से भरे देशों में कोरोना वायरस के स्प्रेड को लेकर चिंता जताई। वो आगे लिखते हैं कि बच्चों, बूढ़ों और गर्भवती महिलाओं का ख्याल किस तरह रखा जाए इसको लेकर क्लिनिकल गाइडेंस डब्लूएचओ ने जारी किया है।