जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रकरण पर शिवसेना ने सोमवार कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के आंदोलन का समर्थन कर रहे तमाम राजनीतिज्ञों का निर्वाचित दर्जा खत्म कर दिया जाए और भारत विरोधी नारे लगाने वालों को जेल की सलाखों के पीछे डाला जाए।
शिवसेना ने विराट कोहली प्रकरण का जिक्र किया जिसमें एक पाकिस्तानी प्रशंसक को भारतीय ध्वज लहराने पर पाकिस्तान में राष्ट्रविरोधी करार दिया गया था । शिवसेना ने कहा कि भारत के खिलाफ नारे लगाने वाले सभी लोगों को राष्ट्रविरोधी करार दिया जाए।
केंद्र में सत्तारूढ़ राजग की सहयोगी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया, ‘भारत के खिलाफ नारे लगाने वाले सभी लोगों को तुरंत सलाखों के पीछे डाला जाए।’ संपादकीय में आरोप लगाया गया, ‘अब जेएनयू परिसर ना सिर्फ राष्ट्रविरोधियों का, बल्कि पाकिस्तानी और चीनी एजंटों का गढ़ बन गया है, जो सरकार के पैसे पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो रहे हैं।’
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा, ‘अगर निर्वाचित प्रतिनिधि राष्ट्रविरोधियों की हिमायत में आगे आते हैं, तो कानून में यह प्रावधान होना चाहिए कि ऐसे प्रतिनिधियों से उनका निर्वाचित दर्जा छीन लिया जाए। पाकिस्तानी आतंकवादियों से ज्यादा वे देश, लोकतंत्र और स्वतंत्रता का गला घोंट रहे हैं।’
शिवसेना ने यह भी कहा कि उन संस्थानों में सघन तलाशी अभियान चलाया जाना चाहिए, जहां याकूब मेमन और अफजल गुरू जैसे आतंकवादियों के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं। संपादकीय में कहा गया है, ‘अगर विराट कोहली के किसी पाकिस्तानी प्रशंसक को भारतीय ध्वज लहराने पर पाकिस्तान में राष्ट्रविरोधी करार दिया जा सकता है तो फिर क्यों भारत विरोधी नारा लगाने वाले लोगों के साथ नरमी से पेश जाए। सरकार को सख्त कदम उठाना है।’
शिवसेना ने कहा, ‘अगर कोई (नाथूराम) गोडसे की जयंती या बरसी मनाता है, तो संसद में हंगामा होता है।
क्यों कांग्रेस हंगामा नहीं करती जब अफजल गुरू को उसकी बरसी पर याद किया जाता है।’