
भारतीय परंपरा में माता-पिता और सास-ससुर, बेटे, दामाद तथा बेटी, बहू जैसे रिश्ते दो परिवारों को जोड़ने के लिए, उनके…
फेरीवाले अपनी किस्म-किस्म की आवाजों और बोलियों के बहाने भाषा को समृद्ध बनाते थे। सच्चे अर्थों में वे भाषा का…
शिक्षा के मूल उद्देश्य और लक्ष्य शास्वत हैं, मगर शिक्षा ग्रहण करने की हर परंपरा और विधा स्वभावत: गतिशील ही…
भीड़तंत्र का उत्थान पिछले कुछ वर्षों से अक्सर देखने को मिल रहा है। कठुआ से लेकर हाथरस तक। दादरी से…
हमारे अभिवावक अपनी पूरी जिंदगी की कमाई बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा करने में लगा देते हैं। वे हमसे,…
हर तरफ से गधों की पुन: इतिहास लिखने की जुर्रत पर वार होने लगा था। पर गधे अड़ गए। पीपल…
अच्छाई अपने आप में हम सबके जीवन का साध्य है। बुराई के साधन से अच्छाई को हासिल करने की पहल…
बालक गुरु गोबिंद सिंह के सवाल का आदर उनके पिता तो करते ही हैं, पूरी सभा भी सदका करती है।…
मेरी नजरें लगातार उन्हें ढूंढ़ रही थीं। अपनी बात रखते हुए अंत में मैंने सभी वृद्धों का अभिवादन किया। मेरी…
स्थिति बिगड़ी है तब वृक्षारोपण की याद आने लगी है। वृक्षारोपण या पौधारोपण के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद होते…
आत्महत्या को समझने के लिए पुलिसिया जांच की जरूरत नहीं होती, बल्कि सामाजिक तौर पर इसकी जांच होनी चाहिए।
यह कोई छिपी बात नहीं है कि जगह-जगह थूकने से कई तरह के रोग फैलने की आशंका हमेशा बनी रहती…