
हमारे देश में अधिकांश शासकीय अस्पताल, फिर चाहे वे छोटे हो या बड़े, बदहाली के ही शिकार दिखते हैं।
अपनी सुख-सुविधाओं की खातिर इंसान प्रकृति की नाक में दम कर दिया है।
सृष्टि में सबसे ज्यादा समझदार प्राणी अगर कोई है तो वह है इंसान। इंसान में ही अच्छाई और बुराई की…
आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद वे प्रमुख खतरे हैं, जिन पर शंघाई सहयोग संगठन विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करता है।
साफ-सुथरे, हिसाब-किताब रखने वाले, वेतनभोगी और बैंक खाताधारक पर दो हजार रुपये की नोटबंदी से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ने…
गलत संगत में पड़कर युवा नशे के जाल में फंस कर अपना दिमागी संतुलन खो रहा है।
प्राचीन काल से लोग नदियों के जल से कृषि पशुपालन जैसे कार्य करते आए हैं।
व्यस्त जीवनचर्या का बड़ा हिस्सा मोबाइल निगल जा रहा है।
मणिपुर की घटना अन्य प्रदेशों और राजनीतिक दलों के लिए एक सीख होनी चाहिए।
राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों में किसी भी अभिमत पर हर एक की अपनी एक विशिष्ट अवधारणा होती है।
तारों का टूट कर पृथ्वी की कक्षा में गिरना अलग बात है। यह एक खगोलीय घटना है, जिसमें किसी ग्रह…
एक कहावत अधिकांश लोगों ने सुनी होगी कि ‘मुफ्त का चंदन घिस मेरे नंदन’।
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