भारत में क्रिकेट की दीवानगी को लेकर कोई भी सवाल नहीं उठा सकता है। देश के कोने-कोने में इस खेल से लोग प्यार करते हैं और इसे देखते हैं। भारत में अब तक 52 स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं या उसे अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का दर्ज प्राप्त है। देश के इन 52 में से 31 स्टेडियम पर अब मैच नहीं होते। उन्हें रिटायर मान लिया गया है। आश्चर्य की बात है कि एक भी स्टेडियम क्रिकेटर के नाम पर नहीं है। पिछली बार किसी स्टेडियम का नाम बदला या रखा गया था तो वह दिल्ली का फिरोजशाह कोटला था। उसके नाम को बदलकर भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली स्टेडियम किया गया था।

स्टेडियमों की बात करें तो भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। उसके पास कुल 52 क्रिकेट स्टेडियम में हैं। दूसरे पायदान पर इंग्लैंड है। वहां 23 स्टेडियम है। भारत के पास उससे 29 स्टेडियम ज्यादा हैं। देश के 31 स्टेडियम में अब मैच नहीं खेले जाते हैं। भारत में पहला टेस्ट मैच 1933 में मुंबई के जिमखाना ग्राउंड पर आयोजित हुआ था। वहां अब अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला जाता है। पहला वनडे मैच 1981 में अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम में हुआ था। वहां भी अब अंतरराष्ट्रीय मुकाबले नहीं होते हैं।

भारत में सबसे ज्यादा मैच आयोजित करने का अवसर कोलकाता के ईडन गार्डन्स को मिला है। वहां पर अब तक 79 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं। इस मामले में दूसरे स्थान पर दिल्ली का अरुण जेटली स्टेडियम है। वहां पर 65 मैच खेले जा चुके हैं। चेन्नई के एमए चिदंबरम और बेंगलुरु के एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम पर 56-56 मैच हुए हैं। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 54 मैच हुए हैं।

देश में 21 सक्रिय स्टेडियम हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले जाते हैं। उनमें से 9 स्टेडियमों के नाम व्यक्ति विशेष पर नहीं हैं, उनमें कोलकाता का ईडन गार्डेंस, मुंबई का ब्रबोर्न, कटक का बाराबती, नागपुर का विदर्भ, पुणे का महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम, राजकोट का सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम, रांची का जमशेदपुर स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, धर्मशाला का हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, तिरुवनंतपुरम का ग्रीनफील्ड स्टेडियम शामिल हैं।