Lok Sabha Chunav 2024: कहते हैं सियासत में ना किसी से दोस्ती अच्छी ना किसी से दुश्मनी… यूपी में पूर्वांचल के बाहुबली नेताओं के तमाम किस्से हैं। हालांकि राजनीति में कब किसकी जरूरत पड़ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस ने सीट शेयरिंग की है। दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में ना चाहते हुए भी कई नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को हाईकमान की बात मानकर एक-दूसरे का सहयोग करना पड़ता है।
अब खबर यह है कि सपा ने बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस अजय राय को बनारस से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी बना सकती हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि बलिया सीट से भी अजय राय को मैदान में उतारा जा सकता है। अब बात यह है कि अंसारियों और राय परिवार के बीच दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। दोनों परिवारों के बीच काफी पुरानी अदावत है। दोनों एक-दूसरे को देखना नहीं चाहते। स्थानीय लोगों के अनुसार, दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन है। इनकी कहानी को जानने के लिए हम आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं।
गैंगस्टर बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच की अदावत
दरअसल, 1980 और 1990 के दशक में यूपी के अंडरवर्ल्ड में सबसे ज्यादा चर्चा गैंगस्टर बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच की अदावत की थी। अजय राय को बृजेश सिंह के करीबी थे। हालांकि बृजेश सिंह को मुख्तार अंसारी अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था।
अब बात करते हैं मुख्तार अंसरी और अजय राय की। दरअसल, 3 अगस्त 1991 में अजय राय के बड़े भाई अवधेय राय को उनके घर के बाहर ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या की गई थी। कुछ लोग कार में सवार होकर आए और अंधाधुंध फायरिंग कर अवधेश राय को मार दिया। अजय अपने भाई को लेकर अस्पताल पहुंचे मगर तब तक उनकी मौत हो गई थी। अजय राय ने कहा था कि हमला करने वालों में मुख्तार अंसारी खुद शामिल था।
अजय राय की शिकायत पर चेतगंज पुलिस थाने में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सरकारी वकील रहे आलोक चंद्रा ने कहा था कि अजय राय राजनीति के साथ धंधे में भी सक्रिय थे। उनका मुख्तार के जानी दुश्मन गैंगस्टर बृजेश सिंह के साथ खासा उठना बैठना था। अजय राय के ऊपर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। कई मामलों में उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले।
अजय राय ने अपने बड़े भाई को इंसाफ दिलाने के लिए 32 सालों तक लड़ाई लड़ी। आखिरकार, 5 जून को बनारस कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को अवधेश राय की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई। तब जाकर अजय राय ने चैन की सांस ली।
तो क्या अफजाल के लिए वोट मांगेंगे अजय राय?
अजय राय का संबंध गाजीपुर से है। वे भूमिहार परिवार से हैं। बनारस, मऊ, गाजीपुर और बलिया क्षेत्र में भूमिहार परिवारों का अच्छा-खासा प्रभाव रहा है। अब जब सपा और कांग्रेस साथ-साथ हैं तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या अजय राय अपने दुश्मन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के लिए वोट मांगेंगे। क्या अजय राय अफजाल असांरी को गाजीपुर में समर्थन देंगे।
सपा, लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का सपोर्ट करेगी और काग्रेस सपा का समर्थन करेगी। ऐसे में क्या अजय राय अपनी अदावत को भूलकर अंसारी परिवार को सपोर्ट करेंगे। दोनों के बीच की दुश्मनी तो जगजाहिर है मगर क्या रजानीति मजबूरी के कारण ये अपने मतभेदों को भुला देंगे। क्या वे एक-दूसरे की मदद करेंगे। लोगों का कहना है कि क्या वे एक साथ एक मंच शेयर करेंगे। खौर, यह तो आने वाले कुछ दिनों में साफ हो ही जाएगा।