
कालिदास ने ऋतुसंहार में कहा है- वसंते द्विगुने काम:, अर्थात वसंत के समय काम का प्रभाव दोगुना बढ़ जाता है।…
आनलाइन शिक्षा को बड़ी पूंजी वाली कंपनियों ने एक नए क्षेत्र की तरह देखा है। वे भारी निवेश न सिर्फ…
शायद ही कुछ लोग जानते हों कि एक कौवा, जिसे हम रोज अपनी छत और मुंडेर पर बैठा देखते हैं…
भारतीय ज्ञान परंपरा में विचार का सरल अर्थ यह है कि बड़े ठहराव के साथ अपने आसपास की दुनिया समझें…
रिक्शा पर बैठे-बैठे या फिर अपने गंतव्य पर पहुंच कर भी अगर हमें एक क्षण के लिए भी लगे कि…
अब विश्राम का नाम ही श्रम हो गया है। इसी विश्राम के साथ तरक्कियां मिल जाती हैं। उपलब्धियों के चांद-सितारे…
फागुन में और विशेषकर होली में राग और रंग दोनों शिखर पर होते हैं। यही हमें रंगों की सुध दिलाता…
पिता-पुत्र या भाई-भाई के भिन्न विचारों को लेकर होने वाले झगड़े या मनमुटाव को हमारा समाज सामान्य रूप में स्वीकार…
प्रेम के बारे में कहा जाता है कि यह मिलन में ही नहीं, विरह में भी महसूस किया जा सकता…
दुनिया समझदारों से नहीं, दीवानों की वजह से चल रही है। पहिये के आविष्कार से लेकर आइपैड तक, जाने कितने…
कौशल और जीवन के बीच जो संबंध हैं, उसके कई आयाम हो सकते हैं। किसी में दोनों का सीधा संबंध…