मैदान का नायक

विवेकानंद सिंह भारतीय क्रिकेट इतिहास में तीस दिसंबर 2014 को एक ऐसे कप्तान के लिए याद किया जाएगा, जो हमेशा…

गांव की सूरत

अरविंद दास की टिप्पणी ‘कहां है गांव’ (समांतर, 25 दिसंबर) पढ़ी। पी. साईनाथ की ‘तीसरी फसल’ पढ़ी, बेचैन कर देने…

हताशा के बोल

मुशर्रफ करगिल युद्ध को बांग्लादेश बनाने में भारत की भूमिका का जवाब मानते हैं। हर मोर्चे पर ‘जैसे को तैसा’…

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