Shramik Special Trains: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में एक प्रवासी मजदूर की लाश ट्रेन में चार दिन तक लावारिश पड़ी रही। बाद में 27 मई को झांसी रेलवे यार्ड में ट्रेन की सफाई के वक्त कर्मचारी को मजदूरों का शव होने की जानकारी मिली। मृतक मजदूर की पहचान मोहन लाल शर्मा (37) के रूप में हुई जो नवी मुंबई स्थित एक चिप्स बनाने की फैक्ट्री में ड्राइवर थे। शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के निवासी थी और 21 मई को झांसी जाने के लिए मुंबई से एक निजी बस में बैठे थे।

अभी ये स्पष्ट नहीं है कि शर्मा झांसी कब पहुंचे। अधिकारियों का कहना है कि वो 23 मई को झांसी से गोरखपुर तक एक श्रमिक ट्रेन में सवार हुए, जो बस्ती से करीब 70 किलोमीटर दूर है। उनके शव के पास से मिले टिकट में प्रस्थान का समय सुबह 11:40 बजे दिखाया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ पीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेन 24 मई को शाम चार बजे गोरखपुर पहुंची। झांसी-गोरखपुर ट्रेन की यात्रा में आमतौर पर लगभग 11 घंटे लगते हैं।

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गोरखपुर में सभी यात्रियों के उतरने के बाद खाली ट्रेन करीब दो घंटे बाद शाम 6:20 बजे झांसी के लिए रवाना हो गई। ट्रेन 27 मई को सुबह साढ़े सात बजे झांसी पहुंची। इसके कुछ घंटे बाद शर्मा का शव झांसी रेलवे यार्ड में ट्रेन के एक टॉयलेट के अंदर मिला।

झांसी की जीआरपी इंस्पेक्टर अंजना वर्मा ने बताया कि हमें बुधवार (27 मई, 2020) सुबह दस बजे के करीब एक शव के संबंध में जानकारी मिली कि झांसी रेलवे यार्ड में मौजूद एक ट्रेन में शव पड़ा है। हम तुरंत एक मेडिकल टीम के साथ वहां पहुंचे। शव श्रमिक स्पेशल ट्रेन के टॉयलेट में पड़ा हुआ था। शव विघटित हो गया था और उसमें से बदबू आ रही थी। उसका चेहरा सूजा हुआ था। हमें शव के पास से एक आधार कार्ड बरामद हुआ जिसमें मोहन लाल शर्मा, बस्ती जिला निवासी लिखा हुआ था।

अधिकारी ने आगे कहा कि मुंबई से झांसी पहुंचने के बाद, वह (शर्मा) एक ट्रेन में गोरखपुर गए। हमें उनकी जेब से एक टिकट मिला है जो 23 मई के लिए था। वह 23 मई को सुबह 11:40 बजे रवाना हुए और खाली ट्रेन 27 मई को सुबह साढ़े सात बजे झांसी पहुंची। अधिकारी ने कहा कि टॉयलेट का दरवाजा अच्छी तरह बंद नहीं था। हमने शर्मा की जेब से 27,000 रुपए भी बरामद किए हैं।

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उल्लेखनीय है कि शर्मा के परिवार में उनकी पत्नी पूजा देवी (38) और चार बच्चे गौरव (11), सौरव (8), शिवम और शिवानी (दोनों पांच साल) हैं। द इंडियन एक्सप्रेस से उनके भतीजे राहुल शर्मा (18) ने कहा कि परिवार ने आखिरी बार 23 मई को उनसे बात की थी, जब वो ट्रेन में सवार हुए।

राहुल ने कहा कि तब उन्होंने अपनी पत्नी से बात की और बताया कि वो ट्रेन में चढ़ गए हैं और जब ट्रेन चलेगी दोबारा फोन करेंगे। इसके बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया। हम लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश करते रहे, इसके बाद स्थानीय थाने में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई।

राहुल के मुताबिक 27 मई को हमें फोन आया कि उनकी शव बरामद हुआ है। इसके बाद परिवार के चार सदस्य झांसी के लिए रवाना हो गए। शुक्रवार को झांसी में उनका अंतिम संस्कार किया गया, क्योंकि शरीर विघटित हो चुका था।