West Bengal Election Results 2021: सभी अटकलों को धता बताते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। यह चुनाव इसलिए भी याद रखा जाएगा कि इसमें प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जमकर वाकयुद्ध हुआ।

रविवार शाम तक मतगणना के रुझान स्पष्ट हो गए थे। बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस राज्य विधानसभा चुनाव की मतगणना में 292 सीटों के शाम तक आए परिणामों और रुझानों में 93 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी थी और 123 पर बढ़त बनाए हुए थी। पार्टी को तब तक लगभग 48 प्रतिशत मत मिले थे। उम्मीदवारों के कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद दो निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान टाल दिया गया था। बनर्जी ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘यह बंगाल के लोगों की जीत है।’’ हालांकि, नंदीग्राम से बनर्जी की खुद की हार की खबर ने उनकी खुशी को थोड़ा कम कर किया। बनर्जी अब तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के करीब हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से जश्न न मनाने को कहा।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि राज्य में महामारी से निपटना उनकी प्राथमिकता होगा।

वहीं, प्रतिद्वंद्वी भाजपा की राज्य की सत्ता में काबिज होने की आकांक्षा अधूरी रह गई और वह शाम तक आए परिणामों और रुझानों के अनुसार केवल 21 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी तथा 53 पर आगे चल रही थी, जबकि सोमवार सुबह तक यह बंगाल के नतीजों की तस्वीर (चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार) थीः

भाजपा के लिए यह 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के विपरीत है जब इसने 18 लोकसभा सीट जीतकर 120 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में बहुमत हासिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न था तथा उन्होंने भाजपा को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। पार्टी ने 200 से अधिक सीट जीतने का दावा किया था, लेकिन वह इस आंकड़े के कहीं आसपास तक भी नहीं पहुंच पाई और इससे काफी दूर रह गई। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में अपने कई सांसदों एवं केंद्रीय मंत्रियों को भी उतार दिया था।

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प्रधानमंत्री अपनी प्रचार सभाओं में बनर्जी पर निशाना साधते समय प्राय: ‘दीदी ओ दीदी’ कहते थे, लेकिन उनकी यह कटाक्ष शैली भी बनर्जी को शिकस्त देने में योगदान नहीं दे पाई। बंगाल में 34 साल तक शासन करनेवाला वाम मोर्चा और राज्य में दो दशक तक सत्ता में रही कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में बिलकुल औंधे मुंह जा गिरी है। बहुत से लोग अब ये कयास लगाने लगे हैं कि अपनी पार्टी की इस बार की जीत से उत्साहित बनर्जी अब 2024 के आम चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश करेंगी।

ममता ने रविवार को साम्प्रदायिक सौहार्द को बचाए रखने की अपनी लड़ाई की जीत बतायी। बनर्जी ने कहा कि भाजपा के डबल इंजन सरकार के वादे के बावजूद उन्होंने कुल 294 सीटों में 221 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा था और परिणाम आने के बाद उन्होंने जनता को शानदार जीत के लिए धन्यवाद दिया। करीब दो महीने बाद खड़े होकर बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं जनता को देश और साम्प्रदायिक सौहार्द की रक्षा करने के लिए धन्यवाद देती हूं। मुझे बंगाल पर गर्व है। यह शानदार जीत है, इसपर कोई कुछ नहीं कह सकेगा। उन्होंने (भाजपा) 200 सीटें जीतने का दावा किया था। क्या इसके बाद वे अपना चेहरा दिखा सकेंगे?’’ बनर्जी ने आशा जतायी कि भाजपा को हर जगह ऐसी ही हार का सामाना करना पड़े। बनर्जी ने कहा, ‘‘यहां आकर हमारे खिलाफ प्रचार करने वाले केन्द्रीय नेताओं को विनम्र नमस्कार। उन लोगों को भी जो अन्य जगहों से आए और हमारे खिलाफ प्रचार किया।’’

उधर, तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव के आए नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। सिन्हा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के इस्तीफे की भी मांग की। हजारीबाग से तीन बार सांसद रहे यशवंत सिन्हा ने यहां अपने निवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस प्रकार से भाजपा के इन वरिष्ठ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निजी हमले किये उससे वहां की जनता बहुत नाराज हुई और आज के परिणाम उसी के नतीजे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के इस हाल की जिम्मेदारी स्वयं प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह एवं जेपी नड्डा को लेनी चाहिए।

एक सवाल के जवाब में सिन्हा ने कहा कि अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव एवं 2024 के आम चुनावों पर भी पश्चिम बंगाल विधानसभा के नतीजों का असर अवश्य होगा। ज्ञातव्य है कि देश के पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों के परिणाम रविवार को घोषित किये गये जिनमें पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा में 292 सीटों के लिए हुए चुनावों में अब तक घोषित परिणामों एवं रुझानों के अनुसार सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस 214 सीटों पर तथा मुख्य विपक्षी भाजपा कुल 76 सीटों पर आगे हैं जबकि कम्युनिस्ट पार्टियों एवं कांग्रेस का वहां खाता तक नहीं खुल सका। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल को 211 सीटें मिली थीं जबकि भाजपा के खाते में महज तीन सीटें थी।