नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन के बीच कुछ दिन पहले ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पास कराया था। अब वहीं के स्पीकर इसको लागू करने की बात कही है। स्पीकर का यह बयान विधानसभा में पास प्रस्ताव से ठीक उलटा है। राज्य में इसको लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में स्पीकर का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है। इसके पहले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद ने भी ऐसी बातें कही थीं।

राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने एक कार्यक्रम में कहा, “भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को पास कर दिया है और राज्य सरकार को इसे लागू करना है। संविधान के अनुसार नागरिकता केंद्र का विषय है, राज्य का नहीं।” उनके इस बयान का साफ मतलब है कि राज्य सरकार चाहे जितना विरोध कर ले, केंद्र से पास होने के बाद उसे लागू करना ही होगा।

कुछ ही दिन पहले कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था, “जब सीएए संसद से पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा। यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है। आप उसका विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से (कानून) वापस लेने की मांग कर सकते हैं, लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा, अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है।” कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल के बाद अब सलमान खुर्शीद ने भी इस बात पर हामी भरी है कि संवैधानिक तौर पर कोई भी राज्य इसे लागू करने से इनकार नहीं कर सकता है।

अभी हाल ही में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए दोनों सदनों में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा थी कि नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लेकर जो अंदेशे से ग्रस्त हैं या फिर उसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, उन लोगों को तो वास्तविकता का आभास हो ही जाना चाहिए। तब विरोध का मतलब नहीं रह गया है।