COVID-19 outbreak in India: भारत समेत पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है। इससे बचाव के लिए सरकार ने देशभर में लॉकडाउन कर रखा है। इस वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। इसी के मद्देनजर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने देश की विनिर्माण नीति में बड़े और दीर्घकालिक बदलावों का सुझाव दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने उत्पादन की लागत कम करने, भूमि की कीमत, श्रम कानूनों में ढील और अनुबंध प्रावधानों को सरल बनाने के प्रस्ताव दिए हैं। पार्टी का मानना है कि ऐसा बदलाव करने से देश की आर्थिक मंदी दूर हो सकेगी।
आर्थिक मामलों पर पार्टी के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने बताया कि यह सुझाव कई अर्थशास्त्रियों, उद्योगपतियों और एमएसएमई सेक्टर व डिजिटल प्लेटफॉर्म के कई प्रतिनिधियों से बातचीत करने के बाद तैयार किया गया है। इन लोगों से संपर्क साधने और बदलाव की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी खुद अग्रवाल संभाल रहे थे। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
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अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “परामर्श से यह निष्कर्ष निकला कि COVID-19 दुनिया में भारत के लिए एक अवसर है क्योंकि कई देश भारत को विनिर्माण हब के रूप में देखना पसंद करेंगे। सभी हितधारकों का विचार था कि भारत को इस अवसर का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए।” बीजेपी नेता ने कहा, “विनिर्माण नीति में दीर्घकालिक बदलाव की जरूरत है। उत्पादन की लागत को नीचे लाया जाना चाहिए जिसके लिए बिजली दरों और कर अनुपालन कानूनों में बदलाव होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “निर्माण इकाइयों के लिए भूमि की लागत में कमी लाई जानी चाहिए एवं श्रम कानूनों सहित श्रमिक मुद्दों को हटा देना चाहिए। अनुबंध के मानकों में भी बदलाव लाए जाने का सुझाव दिया गया है।” बतौर अग्रवाल इस सुझावों पर सरकार की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उस पर जल्द सक्रिय कदम उठाएगी।
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बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी महीने की शुरुआत में अपने मंत्रिपरिषद को संबोधित करते हुए कहा था कि जो जिले कोरोना के हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित नहीं हुए हैं, उन्हें खोलने पर विस्तार से एक नीति बनाई जानी चाहिए। प्रधानमंत्री भी “विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियों को फिर से शुरू करना चाहते थे, विशेष रूप से निर्यात के लिए”। उन्होंने यह भी कहा था कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मद्देनजर संकट “हमारे लिए निर्यात के नए क्षेत्रों और नए देशों को खोजने के लिए एक अवसर में बदल सकता है।”