Coronavirus in India: राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में रविवार (26 अप्रैल, 2020) को हुई बैठक में डेटा विसंगतियों का मुद्दा उठाया गया। बैठक में हुई प्रेजेंटेशन में एनसीडीसी और आईसीएमआर द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के दर्ज मामलों की संख्या अंतर दर्ज किया गया। बैठक में सवाल उठाया गया कि क्या इन अस्पष्टताओं के कारण केस छूट रहे हैं।

26 अप्रैल सुबह आठ बजे तक एनसीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 26496 है जबकि आईसीएमआर के मुताबिक संक्रमितों की संख्या 27583 है। ऐसे में दोनों आंकड़ों में 1087 का अंतर है। बैठक के दौरान पता चला कि एनसीडीसी और आईसीएमआर के डेटा केवल आठ क्षेत्रों में मेल खाते हैं। इसमें पूर्वोत्तर के पांच राज्य और केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप हैं। इनके आठ स्थानों में से चार में कोरोना का कोई मामला नहीं है और सिर्फ एक राज्य में दो से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। वो राज्य हैं मेघायल जहां 12 मामलों की पुष्टि हुई है।

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26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुष्टि किए गए मामलों की संख्या आईसीएमआर के आंकड़ों में एनसीडीसी से अधिक है। ये डेटा 26 अप्रैल सुबह आठ बजे तक इकट्ठा किए आंकड़ों के मुताबिक है। आईसीएमआर और एनसीडीसी के आंकड़ों में सबसे अधिक अंतर महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल में देखा गया। आईसीएमआर के डेटा के मुताबिक इन राज्यों में संक्रमितों की संख्या 8848, 3809 और 770 है। जबकि एनसीडीसी के मुताबिक इन राज्यों में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7628, 3071 और 611 है। इन 21 राज्यों में सबसे ज्यादा अंतर महाराष्ट्र में 1,220 मामले हैं।

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सबसे कम अंतर नागालैंड में एक केस हैं। नागालैंड में आईसीएमआर के डेटा के मुताबिक राज्य में एक मामले की पुष्टि हुई है जबकि एनसीडीसी की संख्या यहां जीरो है। इसके अलावा देश में आठ ऐसे राज्य हैं जहां एनसीडीसी की संख्या आईसीएमआर से अधिक है। इसमें दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अंतर देखा गया। उदाहरण के लिए दिल्ली में एनसीडीसी के मुताबिक संक्रमितों की संख्या 2625 है तो आईसीएमआर का डेटा यह संख्या 2155 बताता है। इसी तरह मध्य प्रदेश 2096 (एनसीडीसी) और 1778 (आईएमआर), उत्तर प्रदेश में 1793 (एनसीडीसी) और 1572 (आईसीएमआर) है।