
रिहाना पर इतनी चर्चाएं और इतनी आलोचनाएं सुनने को मिलीं कि जिन भारतीयों ने इस गायिका का नाम तक नहीं…
बजट ने देश के सशस्त्र बलों को निराश किया है। वित्तमंत्री ने अपने एक घंटे पैंतालीस मिनट के भाषण में…
अधीरता और असंवेदनशीलता अंतत: हमें नुकसान ही दे जाती है। इसलिए बेहतर है कि न हम किसी काम में अधीर…
नियति का अर्थ है, होगा ही। संभावना का अर्थ है, चाहो तो होगा; नहीं चाहो तो नहीं होगा। बीज का…
अखबार की सुर्खियां ठंडी आह की मोहताज होती जा रही हैं। कोई कुछ कह रहा है तो कोई कुछ और।…
टिकैत के आंसुओं ने पांसा पलट दिया। आंसुओं ने टिकैत के प्रति हमदर्दी पैदा कर दी। वे सत्ता के ‘विक्टिम’…
गणतंत्र दिवस पर जो हुआ उससे साबित हो गया है कि अब कृषि कानूनों से बहुत बड़ी हो गई है…
बिना महामारी के भी अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही थी, जिसमें गिरावट का दौर 2018-19 की पहली तिमाही में शुरू…
हिंदी में संज्ञा पदों के नाम-निर्धारण की पद्धति का अगर विश्लेषण किया जाए, तो एक बात बहुत स्पष्ट है। अगर…
सत्ता का असमंजस साफ झलकता है। भाजपा के कुछ परिचित प्रवक्ता बहसों में कभी किसानों की चापलूसी करते नजर आते…
हो सकता है कि किसानों की चिंताएं बेबुनियाद हों। हो सकता है, नई निजी मंडियों से उनको लाभ हो, लेकिन…
इस स्तंभ का मकसद किसी पर आरोप लगाना या अपमानित करना नहीं है। मकसद सीधा-सीधा यह सवाल पूछना है कि…