बुद्धिजीवी किताबी कीड़े या पढ़े-लिखे अनपढ़ का दूसरा नाम नहीं है। अध्ययन, कल्पना और व्यावहारिक संरचना उसके रचनात्मक उद्देश्य हैं।…
क्या जरूरत है आंदोलनजीवी जैसे आरोप लगा कर आंदोलनों को बदनाम करने की? आंदोलन जिस देश में होते हैं सरकार…
भारत में बीसवी सदी के पहले पांच दशकों में कम से कम तीन 1920, 1930 और 1942 ऐतिहासिक घटनाओं के…
सरकार अपने ही ‘बैरीकेड’ में फंसी दिखती है : बैरीकेड लगाती है, तो कहा जाता है कि अपने ही लोगों…
सरकारी कमजोरी की वजह से निजी क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, रेल में लगातार अपने पैर पसार रहा है। अच्छा हो,…
रिहाना पर इतनी चर्चाएं और इतनी आलोचनाएं सुनने को मिलीं कि जिन भारतीयों ने इस गायिका का नाम तक नहीं…
बजट ने देश के सशस्त्र बलों को निराश किया है। वित्तमंत्री ने अपने एक घंटे पैंतालीस मिनट के भाषण में…
अधीरता और असंवेदनशीलता अंतत: हमें नुकसान ही दे जाती है। इसलिए बेहतर है कि न हम किसी काम में अधीर…
नियति का अर्थ है, होगा ही। संभावना का अर्थ है, चाहो तो होगा; नहीं चाहो तो नहीं होगा। बीज का…
अखबार की सुर्खियां ठंडी आह की मोहताज होती जा रही हैं। कोई कुछ कह रहा है तो कोई कुछ और।…
टिकैत के आंसुओं ने पांसा पलट दिया। आंसुओं ने टिकैत के प्रति हमदर्दी पैदा कर दी। वे सत्ता के ‘विक्टिम’…
गणतंत्र दिवस पर जो हुआ उससे साबित हो गया है कि अब कृषि कानूनों से बहुत बड़ी हो गई है…