किसकी खातिर

तीस जनवरी शहीद दिवस पर गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हुए देश एक नई चुनौती से गुजरता दिखा। सरकारी विज्ञापन के…

पुस्तकायन : निरपेक्ष नजर की परख

छबिल कुमार मेहरे रमेश दवे स्थितप्रज्ञ आलोचक हैं। वादों-विवादों, खेमेबाजी, नारेबाजी और विचारधारागत पूर्वग्रहों, पुरस्कार-सम्मानों की आकांक्षा से हमेशा दूर…

पुस्तकायन : दो दुनियाओं के बीच सेतु

प्रताप दीक्षित कथाकार शैलेंद्र सागर के संग्रह ब्रंच तथा अन्य कहानियां में वर्तमान के कोलाहल के बीच उगे-फैलते मरुथल में…

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