
तीस जनवरी को रस्मी तौर पर राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित करके, बकौल हरिवंशराय बच्चन, हम उनके फकीरी ठाट को ठेंगा…
मुझे नहीं पता कि लोगों पर सामाजिक खबरों का क्या असर होता है और ऐसी खबरों से लोग समाज के…
देश यथास्थिति-वाद का आदी हो गया है और यहां आपको सब कुछ बदल जाने का आभास दिया जाता है। परिवर्तन…
कोरोना काल में बहुतों के लिए रोटी और मकान एक बड़ा अभाव बन गए। कपड़े भले थोड़े बहुत तन पर…
पांच वर्ष के एक बच्चे को तितली में रंग भरने का काम दिया गया था। वह कुछ बना नहीं पा…
बचपन से लेकर अब तक हम यही सुनते आए हैं कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं, दिल से भोले…
अरसा पहले एक गीत में एक बच्चा अपनी मां से कहता था कि वह गोली चलाना सीखेगा, क्योंकि उसे लीडर…
अपने स्कूली जीवन के दौरान देखी हुई एक फिल्म याद आती है जिसमें अभिनेत्री रेखा पुलिस अधिकारी की भूमिका में…
सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में यों तो विद्यालय का हर क्षण अति महत्त्वपूर्ण होता है, लेकिन ‘मॉर्निंग असेंबली’ यानी प्रार्थना सभा…
पिता कहते थे कि शिक्षा प्राप्त कर लोगे तो सब पा जाओगे; मैं शिक्षा नहीं पा सका, इसलिए जीवन में…
क्या हम विज्ञापनों से जी रहे हैं? टीआरपी के हिसाब से चैनल अपने धारावाहिक और अन्य कार्यक्रमों के बारे में…
सुहानी सुबह कब होती है? जब आंख खुलने से पहले दिल और आंख को इत्मीनान हो कि सपना पूरा हो…