
किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों की भूमिका आज किसी से छिपी नहीं है। आज हालत…
पुलिस का यह मानना रहता है कि कमजोर तबकों के गायब हुए बच्चे या तो कहीं भाग गए हैं या…
जिस दौर में संसद हंगामे के चलते बाधित होने के लिए ज्यादा जानी जाने लगी हो, वैसे समय में आम…
मनुष्य होने का एक सबसे प्रतीकात्मक लक्षण चिंतनशील होना है। बाकी तो जीवन, भूख, आत्मा, काम और कर्म पशुओं में…
सरकारी स्कूल में अपने बच्चे को भेजने से अभिभावक को लगता है कि वह अपने बच्चे को एक उपेक्षित जगह…
‘मेरे यारों, यह हादसा हमारे ही समयों में होना था, कि मार्क्स का सिंह जैसा सिर सत्ता के गलियारों में…
सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में यों तो विद्यालय का हर क्षण अति महत्त्वपूर्ण होता है, लेकिन ‘मॉर्निंग असेंबली’ यानी प्रार्थना सभा…
हिंदी मानसिकता यह कभी बर्दाश्त नहीं कर पाई कि वर्णव्यवस्था के निचले पायदान पर बैठा कोई व्यक्ति बड़ा कवि, बुद्धिजीवी,…
एक पुरानी देहाती कहावत है कि नाराजगी के बावजूद डरने वाले कुम्हार की अपनी पत्नी पर तो कोई पार बरसी…
समय से संवाद करने का मतलब होता है उन तमाम मसलों पर बारीक और पैनी नजर रखना, फिर बिना किसी…
श्याम… ओ श्याम ’ अपने में मगन श्याम को देख, वह फिर पुकार बैठी। पर, श्याम तक जैसे उसकी आवाज…
इन दिनों पड़ोसी देश में वहां के एक भूले-बिसरे जनवादी शायर हबीब जालिब की खूब चर्चा है। किसी न किसी…