खालिस्तानवादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा पंजाब के अजनाला थाने पर हमला करके अपने एक साथी को छुड़ा कर ले…
राज्यपाल पानी पूरी वाला…’, ‘चप्पल मारो…’, ‘कश्मीर के आतंकियों से ‘किल’ कराओ…’ तमिल जैसी प्राचीन भाषा में ऐसे सुभाषित बरसते…
एक दिन ‘पठान’ ने चैनलों में ट्रेलर देकर सीनाजोरी दिखाई तो देर तक इस फिल्म के बहिष्कार का नारा लगाया…
एक कहिन कि ‘मुठ्ठी भर बाजरे के लिए गहलोत जी ने दिल्ली की सल्तनत खो दी…’। दूसरे कहिन कि ‘राजस्थान…
एक दिन गुलाम नबी आजाद ने दिल का दर्द बयान किया कि राहुल में बचपना है… उनके चौकीदार फैसला लेते…
नए संसद-सौंध के शीर्ष पर प्रधानमंत्री द्वारा कांसे के बने नए ‘अशोक स्तंभ’ की पूजा और स्थापना किए जाने पर…
कई चैनलों में कई चर्चक एक पत्रकार की गिरफ्तारी पर तो आंसू बहाते हैं, लेकिन जघन्य ‘दुष्कांडों’ को ‘क्रिया की…
चुनाव आयोग ने तो पांच राज्यों के चुनावों की बात की थी, लेकिन खबर चैनलों को सिर्फ बंगाल में चुनाव…
इसी बीच पंजाब के स्थानीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस की झाडूमार जीत और भाजपा की करारी हार की खबर…
‘ट्विटर’ के पूर्वाग्रह पर सरकार ने जैसे ही टोका, वैसे ही एक चैनल सरकार को ठोकने आ गया! उसकी लाइन…
सरकार अपने ही ‘बैरीकेड’ में फंसी दिखती है : बैरीकेड लगाती है, तो कहा जाता है कि अपने ही लोगों…
ये किसान कुछ अलग हैं। वे अपने आंदोलन की हर खबर और अपने धरने के असर के प्रति भी बाखबर…