बहरहाल, अपनी हवाई तबके की बदतमीजी जिंदाबाद! उस बदतमीज व्यक्ति को एंकरों ने एक पक्ष में खड़ा होकर लताड़ा, जिसने खबर के मुताबिक, एक बुजुर्ग महिला सहयात्री पर पेशाब कर दिया था। फिर एअर लाइन की खबर ली गई कि ऐसा बर्ताव करने वाले के साथ नरमी क्यों बरती! इसी क्रम में मालूम हुआ कि ऐसा बर्ताव करने वाले असभ्य व्यक्ति ने महिला को शांत रहने के लिए कुछ हजार रुपए भी भेजे, जिनको उसने लौटा दिया। व्यक्ति ने अपने को बचाने के लिए वकील जुटा लिए, लेकिन कछ न हुआ। कंपनी ने उसे नौकरी से बर्खास्त किया, फिर एअर लाइन ने भी कोताही बरतने वाले कर्मियों और कप्तान को हटाया! चैनलों की हाय-हाय ने कुछ तो न्याय संभव कराया!
एक बार फिर सर्वाधिक चिंतनीय दृश्य दिल्ली महापौर के चुनाव के दौरान हुए हंगामे में दिखे। एक बार फिर भाजपा और ‘आप’ आमने-सामने दिखे। एक बार फिर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी दिखी!इस बीच एक दिन एक और झगड़ावादी खबर तमिलनाडु से आई, जिसे महामहिम राज्यपाल जी ने बनाया। राज्यपाल के विचार थे: तमिलनाडु का नाम ‘तमिझगम’ होना बेहतर!
इसके बाद हमारे सामान्य ज्ञान को बढ़ना ही था। एक चैनल पर एक तमिल ज्ञानी ने बताया कि तमिलनाडु में ‘नाडु’ का मतलब ‘देश’ है… और ‘तमिझगम’ भारत-विचार वाला है। इस पर तुरंत हमला हुआ कि यह ‘भाजपा संस्कृति’ है। यह स्वीकार्य नहीं!फिर एक दिन महामहिम राज्यपाल के बरक्स द्रुमक सरकार के बीच और बड़ी तनातनी के दृश्य दिखे। भाषण से पहले ही विधानसभा में राज्यपाल का नाम लेकर ‘गो रवि गो’ के नारे लगने लगे। राज्यपाल ने भाषण को कुछ बदलकर पढ़ा तो नारे लगने लगे। इससे नाराज राज्यपाल केएन रवि सदन से निष्क्रमण कर गए।
चैनलों में राज्य सरकार बनाम राज्यपाल यानी केंद्र सरकार बनाम राज्य के हकूकों पर बहसें जमी रहीं!इसके बाद कुछ नेताओं को नफरत का दौरा पडा! बिहार के एक नेता जी ने कह दिया कि राम मंदिर नफरत की जमीन पर बन रहा है… मंदिरवादी कहिन कि हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का हक किसी को नहीं। नेता माफी मांगें!
फिर एक दिन हिंदुत्व पर एक गोला कर्नाटक से आया। कांग्रेस के बडे नेता ने संकेतात्मक भाषा में कह दिया कि सनातन ने गौरी लंकेश को मारा… संघ आतंकवाद ने मारा! मैं भी हिंदू, लेकिन आतंकी नहीं..!
इस पर कई चैनलों में देर तक हाय-हाय मची रही। भाजपा प्रवक्ता संघर्ष की मुद्रा में कि कैसे कहा कि संघ आतंकी है… प्रमाण दो, नहीं तो माफी मांगो! जब तक कर्नाटक के चुनाव नहीं हो जाते, तब तक ऐसे आरोप-प्रत्यारोप लगते रहने हैं!इस बीच जोशीमठ की दरारों ने जैसे ही खबरों में दखल दिया तो हर चैनल पर जोशीमठ की दरारें विराज गईं। चैनल जोशीमठ के दर्शन कराने लगे। रिपोर्टर दरारों में हाथ डालकर उनकी चौड़ाई नापते रहते और हम उनको देख-देख डरते रहते कि अगर अभी कुछ ऐसा-वैसा हो-हा गया तो ये रिपोर्टर तो गया..! बहरहाल, जोशीमठ खाली करा लिया गया और दरारों वाले मकानों को तोड़ने की तैयारियां शुरू हैं।
इसके बाद अपने तपस्वी जी ने कमान संभाली और बोल दिए कि ‘ये देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं’। इस पर कुछ पुजारी बोले कि अब आना पूजा करने हमारे पास..! अगले रोज तपस्वी जी फिर बरसे कि ये हर-हर महादेव नहीं बोलते… तभी चर्चक ने क्लिप दिखा दी कि संघी ही तो बोलते हैं विलंबित धुन में ‘हर… हर… महादेव’! लेकिन तपस्वी जी फिर कह दिए कि इक्कीसवीं सदी के कौरव हाफ पैंट पहनते हैं..! लगता है तपस्वी जी को संघ के प्रति कोई आग्रह हो गया है। हे तपस्वी जी! ये ‘उलट हमदर्दी’ के दिन हैं। जो पिटता है, हमदर्दी पाता है। ठोंको तो हिंदुत्व, न ठोंको तो हिंदुत्व!
इसी बीच मोहन भागवत ने संघ के नए आत्मविश्वासी विमर्श को और खोल दिया कि हिंदू ही राष्ट्र की पहचान… मुसलिम अपना श्रेष्ठतावादी आख्यान त्याग दें… यहां कोई श्रेष्ठतावादी नहीं… जो अपने धर्म में लौटना चाहें, लौट सकते हैं… यह उनका चुनाव है… हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहने दें..! इस पर ओवैसी जी ने गुस्से में कहा कि मोहन भागवत हिंसा के लिए उकसा रहे हैं..! अंत में, फिल्म ‘आरआरआर’ के जबर्दस्त नृत्य और गाने ‘नाटू नाटू’ ने अमेरिका का गोल्डन ग्लोब सम्मान जीतकर एक नया इतिहास ही रच दिया!