पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। इसी बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि वह शरद पवार या किसी अन्य विपक्षी नेता से बात नहीं कर सकतीं क्योंकि उनका फोन टैप किया जा रहा है।
बुधवार को उन्होंने दावा किया, “प्रशांत किशोर का फोन टैप किया गया है और मैं उनसे बात करती हूं, इसलिए मेरी बातचीत भी रिकॉर्ड हो जाती है। मेरा फोन भी टैप हो गया है। मैं किसी से बात नहीं कर सकती।” ये बातें उन्होंने कोलकाता में आयोजित शहीद दिवस कार्यक्रम के दौरान कहीं। गुरुवार को अपने इस बयान को आगे बढ़ाते हुआ उन्होंने खुलाया किया कि सरकार ने चुनावी रणनीतिकार पीके के साथ उनकी हर बैठक पर निगरानी रखी थी।
बकौल दीदी, “मैंने कहा था कि कुछ दिन पहले मैं पीके और अन्य लोगों के साथ बैठक में थी। सरकार ने उस बैठक की जासूसी की। प्रशांत किशोर ने अपने फोन का ऑडिट किया और पता चला कि हमारी एक बैठक के बारे में सरकार को पता था। यह केंद्र को पेगासस स्पाइवेयर के जरिए मालूम पड़ा था।”
ममता ने इससे पहले एक रैली में केंद्र सरकार पर देश को ‘निगरानी राष्ट्र’ बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर राजनेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों आदि को निशाना बनाने वाले कथित जासूसी घोटाले का संज्ञान लेने का अनुरोध किया। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए सभी को एक साथ आना होगा।
बनर्जी ने विपक्षी नेताओं से अगले सप्ताह दिल्ली में एक बैठक आयोजित करने को कहा। वह बोलीं, “मैं अगले हफ्ते दिल्ली में रहूंगी। मुझे उम्मीद है कि शरद पवार विपक्ष की बैठक की व्यवस्था कर सकते हैं। हमें 2024 के लिए अपनी योजना शुरू करनी है, लोकसभा चुनाव के लिए सिर्फ ढाई साल बाकी हैं।”
उनका दावा है, “पेगासस वाटरगेट से भी बड़ा घोटाला है।” सीएम ने इसके अलावा राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से पेगासस मुद्दे को उठाने और देश में राजनीतिक आंदोलन आयोजित करने का आग्रह किया।