Coronavirus Outbreak in India: कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार में 18 मई तक 8337 प्रवासी मजदूरों की टेस्टिंग की गई, जिनमें आठ फीसदी लोगों को कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। ये राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना पुष्टि की दर से दोगुना है जो लगभग चार फीसदी है। इनमें से दिल्ली से लौटे 835 प्रवासी मजदूरों के नमूने लिए गए जिनमें 218 को संक्रमण की पुष्टि हुई। कोरोना की पुष्टि की ये दर 26 फीसदी से ज्यादा है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में ये दर करीब सात फीसदी है।
इसी तरह पश्चिम बंगाल से लौटे 265 मजदूरों के नमूने लिए गए, जिनमें से 33 को संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोविड-19 की ये दर 12 फीसदी है जबकि बंगाल में पॉजिटिविटी दर तीन फीसदी है। ऐसे ही हरियाणा से लौटे मजदूरों में 390 की टेस्टिंग की गई, जिनमें 36 को कोरोना की पुष्टि हुई। यहां कोविड-19 संक्रमण पुष्टि की दर 9 फीसदी रही जबकि हरियाणा में यह महज 1.16 फीसदी है। बिहार से आने वाला ये डेटा न केवल राज्य की रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पहला ये दिल्ली की एक बड़ी स्पर्शोन्मुख आबादी की उपस्थिति की तरफ इशारा करता है। दूसरा ये राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों का मार्गदर्शन कर सकता ताकि कोविड के संपर्क में आए इन प्रवासियों का पता लगाया जा सके। इसके अलावा उन क्षेत्रों में संक्रमण का फैलाव शामिल है जहां हो सकता है किसी का ध्यान ना गया हो।
दूसरी तरफ अन्य राज्यों से अपने राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूरों में राज्य के समान ही पॉजिटिविटी दर देखने को मिली। जैसे बिहार से महाराष्ट्र से लौटे जिन 1283 प्रवासी मजदूरों के नमूने लिए गए उनमें से 141 को कोविड की पुष्टि हुई। राज्य में बाहर से आए प्रवासी मजूदरों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर 11 फीसदी रही जबकि महाराष्ट्र में भी इसकी दर से 11.7 फीसदी है।
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इसी तरह गुजरात से लौटे प्रवासियों के 2,045 नमूनों में से 139 की टेस्टिंग पॉजिटिव रही। यहां पॉजिटिविटी दर 6.8 फीसदी थी और गुजरात में यह 7.9 फीसदी है। उत्तर प्रदेश से लौटे प्रवासियों के 704 नमूनों में से 21 को कोरोना की पुष्टि हुई जो 3 फीसदी की दर बैठती है और राज्य में यह दर 2.59 फीसदी है।
राजस्थान से लौटे प्रवासियों के 430 सैंपल लिए गए जिनमें से 16 को कोरोना की पुष्टि हुई। यहां पॉजिटिविटी दर 3.7 फीसदी रही जबकि राजस्थान में यह दर 2.24 फीसदी है। दक्षिणी राज्य में कर्नाटक से लौटे प्रवासियों के 203 सैंपल में से 6 को कोरोना की पुष्टि हुई, जो तीन फीसदी बैठता है जबकि राज्य में ये दर 0.78 फीसदी है।
केरल से लौटे प्रवासी मजदूरों में से 219 के नमूने लिए गए जिनमें 4 को कोरोना को पुष्टि हई। यहां पॉजिटिविटी दर 1.8 फीसदी है जबकि राज्य में 1.33 की दर रही। तमिलनाडु से लौटे प्रवासी मजदूरों में से 57 के नमूने लिए गए जिनमें से 2 पॉजिटिव पाए गए और यहां सकारात्मकता दर 3.5 फीसदी रही जबकि राज्य में 3.43 फीसदी है। हालांकि तेलंगाना से लौटे मजदूरों में 367 के नमूने लिए गए जिनमें से सिर्फ से 6 लोगों को कोरोना की पुष्टि हुई, जो कि 1.6 फीसदी बैठता है जबकि राज्य में ये दर 6.6 फीसदी है।