कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन की आंच दिल्ली से बिहार तक जा पहुंची है। मंगलवार को हजारों की संख्या में लोगों ने राज्यपाल आवास की ओर मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान केंद्र के लाए तीन नए कृषि कानूनों को काले कानून करार दिया और इन्हें वापस लेने की मांग की।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, राजधानी पटना में दोपहर करीब एक बजे Akhil Bharatiya Kisan Sangharsh Samanvay Samiti और वाम संगठनों ने यह मार्च निकाला। हालांकि, राजभवन की ओर मार्च के मद्देनजर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, जबकि सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में नोक-झोंक भी हुई, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज तक करना पड़ा।
#पटना– किसान संगठनों का राजभवन मार्च शुरू pic.twitter.com/xZriOt7kb3
— Kashish News Bihar (@KashishBihar) December 29, 2020
इसी बीच, Bharatiya Kisan Union के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने उन आरोपों पर चुप्पी तोड़ी, जिनमें कहा जा रहा है कि नए कृषि कानूनों पर विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर रहे हैं। टिकैत समाचार एजेंसी ANI से बोले- अगर विपक्ष मजबूत होता, तो फिर किसानों को आंदोलन करने की क्या जरूरत पड़ती?
उधर, पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी ने भी किसानों के मुद्दे पर एक ट्वीट किया। लिखा, “युवा पर बेरोज़गारी की मार। जनता पर महंगाई का अत्याचार। किसान पर ‘मित्रों’ वाले क़ानूनों का वार। यही है मोदी सरकार।”
युवा पर बेरोज़गारी की मार,
जनता पर महंगाई का अत्याचार,
किसान पर ‘मित्रों’ वाले क़ानूनों का वार,
यही है मोदी सरकार। pic.twitter.com/WbmI30Ru0B— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 29, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यह आरोप भी लगाया कि तीनों कृषि कानून लाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने की साजिश है। दरअसल, सरकार ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों को सभी प्रासंगिक मुद्दों पर अगले दौर की वार्ता के लिए 30 दिसंबर को बुलाया है। इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।
अन्ना हजारे भी जनवरी में करेंगे आंदोलनः सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर केन्द्र ने किसानों के मुद्दों से संबंधित उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो वह जनवरी में नयी दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि गांव में जारी प्रेस विज्ञप्ति में अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने अगले महीने दिल्ली में अपना विरोध-प्रदर्शन ‘‘फिर से शुरू’’ करने का निर्णय लिया है और इसके बारे में सरकार को भी सूचित कर दिया है। हालांकि, विज्ञप्ति में आंदोलन की तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। (भाषा इनपुट्स के साथ)