Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार को चुनाव आयोग ने आधिकारिक ऐलान कर दिया है। इस बार का चुनाव अहम इसलिए भी है, क्योंकि 2003 के बाद पहली बार बिहार की वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण यानी SIR किया गया है। इसके तहत कुल वोटर्स की संख्या 7.43 करोड़ हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर करवाया था। इसमें नए सिरे से बिहार में मतदाताओं की गणना की गई थी। यह प्रक्रिया जून से शुरू हुई थी जिसकी आखिरी लिस्ट 30 सितंबर को आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई। लेटेस्ट वोटर लिस्ट के अनुसार बिहार में वोटर्स की कुल संख्या 7.43 करोड़ वोटर्स हैं।
एनडीए और महागठबंधन में लड़ाई
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भी मुख्य लड़ाई इंडिया और एनडीए गठबंधन के बीच ही है। साल 2005 से सीएम की कुर्सी पर काबिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए इस बार कठिन चुनौती है। नीतीश कुमार के पीछे एनडीए का कुनबा है, जिसमें बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), हम जैसी पार्टिया हैं। वहीं इंडिया गठबंधन पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव अखाड़े में ताल ठोक रहा है। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और वाम मोर्चे की पार्टियां है।
वहीं बिहार के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच तीखा सियासी टकराव दिख सकता है। बिहार एनडीए के लिए काफी अहम है, क्योंकि यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बीजेपी को काफी नुकसान हुआ था लेकिन एनडीए की मजबूती के चलते बिहार में उसे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। वहीं नेता विपक्ष राहुल गांधी, पीएम मोदी के इसी राजनीतिक गढ़ को भेदने की फिराक में हैं, क्योंकि बिहार चुनाव के जरिए विपक्ष राजनीतिक समीकरणों को बदलने की उम्मीद भी कर रहा है।
पिछले 5 चुनावों में कैसे बदली बिहार की सियासत?
जेडीयू के सुप्रीम लीडर यानी नीतीश कुमार पिछले 20 साल से बिहार की सत्ता में हैं और इन 20 सालों में बिहार की सियासत काफी बदली है, लेकिन नीतीश कुमार बदलते समीकरणों के बीच भी अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे हैं। ऐसे में पिछले 5 चुनावों के नतीजों पर नजर डालना भी बेहद जरूरी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों की बात करें तो आरजेडी 75 सीटों के साथ पहले नंबर की पार्टी बनी थी। दूसरे नंबर पर बीजेपी रही थी। पार्टी को 74 सीटें मिली थीं। तीसरे नंबर पर जेडीयू को 43 सीटें मिली थीं। चौथे नंबर पर आई कांग्रेस को 19 सीटें मिली थीं। इसके अलावा सीपीआई (एमएल) एल को 12 और AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं। वोट प्रतिशत की बात करें तो आरजेजी को 23.11 प्रतिशत वोट मिला था। बीजेपी को 19.46 प्रतिशत वोट मिला था। जेडीयू को 15.39 प्रतिशत, कांग्रेस को 9.48 प्रतिशत और सीपीआई (एमएल) एल को 3.16 प्रतिशत वोट मिला था।
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क्रम संख्या | पार्टी | वोट | वोट प्रतिशत |
1 | आरजेडी | 75 | 23.11 |
2 | बीजेपी | 74 | 19.46 |
3 | जेडीयू | 43 | 15.39 |
4 | कांग्रेस | 19 | 9.48 |
5 | CPI (ML)L | 12 | 3.16 |
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
बिहार के 2015 के चुनाव काफी रोचक थे, क्योंकि नीतीश कुमार ने कांग्रेस, आरजेडी और बीजेपी विरोधी पार्टियों का एक महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी यहां नीतीश कुमार से अलग होकर चुनाव लड़ रही थी। इसका बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ था। वहीं महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही सीएम की कुर्सी नीतीश कुमार को मिली थी, जबकि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम का पद मिला था।
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क्रम संख्या | पार्टी | वोट | वोट प्रतिशत |
1 | आरजेडी | 80 | 18.4 |
2 | बीजेपी | 53 | 24.4 |
3 | जेडीयू | 71 | 16.8 |
4 | कांग्रेस | 27 | 6.7 |
2015 के विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटें मिली थीं। दूसरे नंबर पर महागठबंधन में शामिल नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी। जेडीयू को 71 सीटें मिली थी। तीसरे नंबर पर बीजेपी को 53 सीटें आईं थीं। इसके अलावा कांग्रेस को 27 सीटें मिल गई थीं।
वोट प्रतिशत के लिहाज से बात करें तो आरजेडी को 18.4, जेडीयू को 16.8, बीजेपी को 24.4 और कांग्रेस को 6.7 प्रतिशत वोट मिले थे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
बिहार विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजों की बात करें तो इस चुनाव में एनडीए की जीत हुई थी। इस चुनाव में जेडीयू राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी थीं। जेडीयू को 115 सीटें, बीजेपी को 91 सीटें, आरजेडी को 22 सीटें, कांग्रेस को 4 सीटें और लोजपा को 3 सीटें मिली थीं। वोट प्रतिशत के लिहाज से बात करें तो जेडीयू को 22.58 प्रतिशत, बीजेपी को 16.49, आरजेडी को 18.84, कांग्रेस को 8.37, लोजपा को 6.74 प्रतिशत वोट मिला था।
क्रम संख्या | पार्टी | वोट | वोट प्रतिशत |
1 | आरजेडी | 22 | 18.84 |
2 | बीजेपी | 91 | 16.49 |
3 | जेडीयू | 115 | 22.58 |
4 | कांग्रेस | 4 | 8.37 |
5 | लोजपा | 3 | 6.74 |
अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव के नतीजे
बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2005 में दोबारा हुए थे। इसमें बीजेपी और एनडीए साथ आए थे, और बीजेपी की सरकार बनी थीं। इस चुनाव में जेडीयू को 88, बीजेपी को 55, आरजेडी को 54 लोजपा को 10 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। जेडीयू को 20.46, बीजेपी को 15.65, आरजेडी को 23.45 लोजपा को 11.1 और कांग्रेस को 6.09 प्रतिशत वोट मिला था।
क्रम संख्या | पार्टी | वोट | वोट प्रतिशत |
1 | आरजेडी | 54 | 23.45 |
2 | बीजेपी | 55 | 15.65 |
3 | जेडीयू | 88 | 20.46 |
4 | कांग्रेस | 10 | 6.09 |
5 | लोजपा | 9 | 11.1 |
फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव के नतीजे
फरवरी 2005 के बिहार चुनाव नतीजों की बात करें आरजेडी को झटका लगा था। उसकी सीटें 115 से घटकर 115 हो गईं थी। दूसरे नंबर पर जेडीयू को 55, बीजेपी को 37, लोजपा को 29 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली थीं। आरजेडी को 25.97, जेडीयू को 14.55, बीजेपी को 10.97, लोजपा को 12.62 और कांग्रेस को 5 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था।
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क्रम संख्या | पार्टी | वोट | वोट प्रतिशत |
1 | आरजेडी | 75 | 25.07 |
2 | बीजेपी | 37 | 10.97 |
3 | जेडीयू | 55 | 14.55 |
4 | कांग्रेस | 10 | 5.00% |
5 | लोजपा | 29 | 12.62 |
इस बार कितने हैं वोटर्स?
बता दें कि एसआईआर के बाद, बिहार में 7.43 करोड़ वोटर्स है। इनमें में पुरुष वोटर्स 3.92 करोड़ और महिला वोटर्स 3.50 करोड़ वोटर्स हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 18-19 आयु वर्ग के 14,01,150 युवा मतदाता हैं। 20-29 वर्ष की उम्र वाले 1.63 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 7,20,709 है। युवा वोटर्स और खासकर पहली बार वोट डालने वाले मतदाता हमेशा ही चुनाव का एक एक्स फैक्टर माने जाते रहे हैं।
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