कोरोना संकट के बीच राजस्थान के कोचिंग हब यानी कि कोटा से यूपी के बाद अब हरियाणा, असम, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के छात्र अपने-अपने घर पहुंचेंगे। इन सभी सूबों ने लॉकडाउन के बाद वहां फंसे इन स्टूडेंट्स को वापस गृह राज्य बुलाने के लिए कवायद तेज कर दी है। पर बिहार के मुख्यमंत्री की ओर से फिलहाल इस प्रकार की कोई पहल नहीं की गई है, जिसे लेकर सूबे के छात्रों ने प्रदर्शन भी किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, शुक्रवार सुबह हरियाणा और असम के लगभग 1,400 छात्र कोटा से घरों को रवाना हो गए। इसी बीच, राजस्थान के अलग-अलग शहरों और कस्बों में रहने वाले दो हजार से अधिक छात्र शाम को भी घरों के लिए रवाना कर दिया गया। कोटा के एडीएम (प्रशासन) नरेन्द्र गुप्ता के मुताबिक, असम के छात्रों को ले जा रहीं 18 और हरियाणा के छात्रों को ले जा रहीं 31 बसों को शुक्रवार को कोटा से रवाना होना था। वहीं, हरियाणा के लगभग एक हजार और असम के लगभग 400 छात्रों ने शुक्रवार को सुबह अपने गृह राज्यों के लिये यात्रा शुरू की।

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वहीं, एक सरकारी बयान के अनुसार अभी भी बिहार के करीब 11 हजार, झारखण्ड के 3 हजार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के 2500-2500 बच्चे, महाराष्ट्र के 1800 एवं ओडिशा के करीब एक हजार बच्चे कोटा में मौजूद हैं। जम्मू-कश्मीर से बच्चों की सकुशल वापसी के लिए वार्ता की जा रही है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने अपील की है कि जिन राज्यों के बच्चे अभी कोटा में हैं, वे भी मानवीय आधार पर उन्हें अपने-अपने परिवार के पास ले जाने के लिए राज्य सरकार का सहयोग करें।

उधर, बिहार के छात्रों ने अपने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से घर वापसी के लिये इंतजाम करने की अपील करते हुए यहां मौन प्रदर्शन किया। लॉकडाउन के बाद से वहां करीब 1,200 से अधिक छात्र फंसे हैं, जिन्होंने सीएम नीतीश से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने अपील लिखीं तख्तियां हाथों में लेकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मौन प्रदर्शन भी किया। बता दें कि यूपी में योगी सरकार ने जब फंसे छात्रों को कोटा से वापस बुलाने के लिए बसें भेजी थीं, तब उसे सीएम नीतीश ने अन्याय और लॉकडाउन का उल्लंघन बताया था।

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दरअसल, लॉकडाउन की घोषणा के बाद मेडिकल (नीट) और इंजीनियरिंग प्रवेश (जेईई) परीक्षा की कोचिंग ले रहे करीब 40,000 छ़ात्र कोटा में फंस गये थे। शुक्रवार तक वहां से पांच राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 18 हजार विद्यार्थी अपने-अपने घर जा चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के करीब 12 हजार 500, मध्यप्रदेश के 2800, गुजरात के 350 तथा दादरा एवं नागर हवेली के 50 बच्चे शामिल हैं। इसी प्रकार कोटा संभाग के अन्य जिलों के 2200 बच्चों को भी सकुशल उनके घर पहुंचाया गया है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

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