लोकसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसदों ने विवादों में घिरे तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी की । राष्ट्रपति द्वारा बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के कुछ देर बाद लोकसभा की बैठक हुई । इस दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रति को सभापटल पर रखा गया। अध्यक्ष ने जैसे ही सभापटल पर आवश्यक कागजात रखने का निर्देश दिया, वैसे ही कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौजूद थे। कांग्रेस सदस्य ‘काला कानून वापस लो, अन्नदाता पर जुल्म बंद करो’ जैसे नारे लगा रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सदन के माध्यम से ऐसा संदेश दे सकते हैं। हालांकि, सदस्यों का शोर शराब जारी रहा ।
सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति अभिभाषण का कांग्रेस एवं कई विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रखा था। लेकिन कोविंद का संबोधन आरंभ होने के कुछ देर बाद लुधियाना से लोकसभा सदस्य बिट्टू केंद्रीय कक्ष पहुंचे और नारेबाजी करने लगे।
वह ‘काले कानून वापस लो’ का नारा लगाते और किसान आंदोलन के संदर्भ में कुछ कहते देखे गए। नारेबाजी करने के बाद वह केंद्रीय कक्ष से बाहर चले गए। बिट्टू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसान नेताओं के खिलाफ मामले क्यों दर्ज किए जा रहे हैं? हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसे संसद में उठाएंगे। उनका जुर्म क्या है? किसान नेता अपने लिए नहीं, बल्कि किसानों के लिए लड़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसान नेताओं को जेल नहीं जाने देंगे। सरकार उन्हें जेल नहीं भेज सकती।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘यह किसानों का मुद्दा है, लेकिन खालिस्तान का नाम लेकर मुद्दे को भटकाया जा रहा है।’’