Coronavirus in India: पीएम मोदी के देशबंदी के ऐलान के बाद से मजदूर वर्ग में घबराहट का माहौल है। यही वजह है कि मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकल रहे हैं। शुक्रवार को 6 युवा मजदूर हरियाणा के रेवाड़ी से यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे। अपने कंधों पर बैग टांगे ये युवा लखनऊ के सुनसान पड़े लोहिया पथ पर पैदल चले जा रहे थे। जब इन मजदूरों से बात की गई तो पता चला कि वह पिछले तीन दिनों में 550 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं, जिसमें कुछ समय बसों में और अधिकतर पैदल ही तय किया गया है।

इन युवाओं में से 4 को बहराइच जाना है और दो को बाराबंकी। लखनऊ से बहराइच की दूरी करीब 125 किलोमीटर है, वहीं बाराबंकी 25 किलोमीटर दूर है। इन मजदूरों में शामिल एक युवक पंकज मिश्रा ने बताया कि ‘उन लोगों ने 20 अन्य मजदूरों के साथ हरियाणा के रेवाड़ी से चलना शुरू किया था। ये लोग मंगलवार रात को ही निकल गए थे, जब पीएम मोदी ने देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया था।’

पंकज ने बताया कि ‘वह धागा बनाने की फैक्ट्री में काम करता है और उसे महीने के 7000 रुपए मिलते हैं। मेरे पास 3000 रुपए बचे हुए थे लेकिन रास्ते में खाने पीने में वो भी खर्च हो गए हैं।’ फिलहाल ये मजदूर बिस्कुट खाकर ही अपना पेट भर रहे हैं।

एक अन्य मजदूर अनिल ने बताया कि ‘हरियाणा में रुकने का क्या मतलब था? एक बार हम अपने घर पहुंच गए तो हम हालात से निपट लेंगे। हमारे घर में अनाज तो है। हम रेवाड़ी में तो भूख से मर जाते।’

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एक अन्य मजदूर ने बताया कि हम पर दिल्ली और हरियाणा में लाठीचार्ज किया गया। उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों ने हमारी मदद की। कुछ पुलिसकर्मियों ने हमें खिचड़ी और पानी दिया। मजदूरों ने बताया कि ‘रिवाड़ी बस अड्डे से उन्हें दिल्ली के लिए बस मिली। पूरी दिल्ली पैदल पार करने के बाद उन्हें आगरा तक के लिए लिफ्ट मिली।’

‘यहां से हम आगरा तक पैदल गए। हमारे पास बस के पैसे खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए बस कंडक्टर भी हमें बैठाने से मना कर देते हैं। मथुरा से लखनऊ तक की यात्रा अधिकतर पैदल ही की है।’

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एक मजदूर ने दुखी होते हुए कहा कि ‘यदि कोरोना हमें नहीं मारेगा तो यह सफर हमें मार डालेगा।’ बता दें के देश के अलग-अलग हिस्सों से मजदूरों की ऐसी ही दर्दभरी कहानियां सामने आ रही हैं, जो सैंकड़ो किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर पहुंच रहे हैं।

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