कोरोना वायरस संकट के बीच पश्चिम बंगाल में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां, रोडशो और कार्यक्रम थमने का नाम नही ले रहे। एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्र के नुमांइदे मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की अपील कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर वे अपनी कही हुई बातों पर अमल नहीं कर पा रहे।
ताजा मामला शनिवार (17 अप्रैल, 2021) का है। पीएम ने बंगाल के आसनसोल में एक रैली की, जहां भारी भीड़ जुटी। ऊपर से पीएम ने इस भीड़ की तारीफ भी की। कहा, “मैं दो बार आया (बंगाल) था। बाबुल जी (बाबुल सुप्रियो) के लिए वोट मांगने आया था। पहले एक चौथाई लोग भी न थे सभा में। पर आज ऐसी सभी पहली बार देखी। बताइए, यह मेरी शिकायत मीठी है या कड़वी है? आज आपने ऐसी ताकत दिखाई कि लोग ही लोग दिखते हैं। क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने!”
PM Shri @narendramodi addresses public meeting in Asansol, West Bengal.
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— BJP (@BJP4India) April 17, 2021
ध्यान देने वाली बात है कि मोदी ने भीड़ की तारीफ तब की, जब देश में कोरोना की पैर पसारती दूसरी लहर के बीच अस्पताल में बिस्तर से लेकर श्मशान में लाश फूंकने तक की जगह की कमी पड़ने लगी है। ऊपर से सुबह उन्होंने खुद उत्तराखंड के हरिद्वार में चलने वाले कुंभ मेला को कोरोना संकट के चलते ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की थी।
पीएम ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि उन्होंने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से इस सिलसिले में फोन पर बात की और साथ ही संतों का कुशल-क्षेम भी पूछा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।’’
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एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी अवधेशानंद से बात कर उन्होंने सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने कहा, ‘‘सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।’’ प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया।
बता दें कि कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान—महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।