CAA-NRC Shaheen Bagh Protest Latest News: सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि आवाजाही रास्ते हमने नहीं बंद की है, पुलिस ने रास्ता ब्लाक कर रखा है। वहां पर विरोध कर रही एक बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है।
उन्होंने कहा, ‘हमने पूरे हिस्से को अवरुद्ध नहीं कर रखा है। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर पूरी सड़क पर बंद कर दी है। आप पहले उसे क्यों नहीं हटाते? हमने कभी भी पुलिस या किसी अधिकारी से हमारे लिए सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने ही सड़क बंद कर रखी है और अब नाकेबंदी के लिए हमें दोषी ठहरा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बातचीत करने पहुंचे वार्ताकारों से प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सीएए एनआरसी और एनपीआर को खत्म किए जाने के बाद ही हटेंगे। हालांकि वार्ताकार अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के साथ पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला भी प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत करने और गतिरोध तोड़ने की कोशिश में शाहीन बाग पहुंचे। शाहीन बाग सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है।
दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बीते 15 दिसंबर से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। इस दौरान वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से करीब 2 घंटे तक बातचीत की लेकिन मसले को कोई हल नहीं निकला।
दोनों वार्ताकारों ने मंच से प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया और समझाने की कोशिश की। इस दौरान साधना रामचंद्रन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह कतई नहीं कहा कि आपके विरोध के अधिकार को छीना जाए। हम इस मसले का एक ऐसा हल निकालने पर विचार कर रहे हैं जो दुनिया में मिसाल पेश करे।
वहीं एक तरफ वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को सुन रहे थे तो दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल के कामकाज संभालने के बाद यह उनकी शाह के साथ पहली बैठक है। यह बैठक करीब 20 मिनट तक शाह के आवास पर चली। पहले यह बैठक गृह मंत्रालय में होनी थी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी से मुलाकात की। काफी सार्थक और अच्छी बैठक रही। दिल्ली से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हम दोनों ही इस बात पर सहमत हुए कि दिल्ली के विकास के लिए हम साथ काम करेंगे।’ हालांकि इस दौरान दोनों के बीच शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को दूसरे स्थल पर जाने के लिए मनाने के लिए दो वार्ताकारों की नियुक्ति की है।
शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों ने बातचीत से पहले कहा कि दोनों पक्षों के बीच चर्चा मीडिया के सामने नहीं होगी। वार्ताकारों की इस सुझाव पर प्रदर्शनकारी बंटे हुए नजर आएं। किसी ने इस पर सहमति जताई तो कोई नाराज नजर आया। हालांकि वार्ताकारों की तरफ से कहा गया कि जो भी बातचीत होगी उसे मीडिया को भी बता दिया जाएगा।
हैदराबाद। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) देश में रहने वाले मुसलमानों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेगा और यह उन धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए लाया गया है जो तीन पड़ोसी देशों से आए हुए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल के कामकाज संभालने के बाद यह उनकी शाह के साथ पहली बैठक है। यह बैठक करीब 20 मिनट तक शाह के आवास पर चली। पहले यह बैठक गृह मंत्रालय में होनी थी।
शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रही एक बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है। उन्होंने कहा, 'हमने पूरे हिस्से को अवरुद्ध नहीं कर रखा है। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर पूरी सड़क पर बंद कर दी है। आप पहले उसे क्यों नहीं हटाते? हमने कभी भी पुलिस या किसी अधिकारी से हमारे लिए सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए नहीं कहा। उन्होंने ही सड़क बंद कर रखी है और अब नाकेबंदी के लिए हमें दोषी ठहरा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त दो वार्ताकारों ने बुधवार को शाहीन बाग पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की। इस दौरान धरने पर बैठीं महिलाएं अपने दिल की बात कहते समय भावुक और नाराज नजर आईँ। शाहीन बाग में बीते दो महीने से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत का यह पहला प्रयास है। वार्ताकारों अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन के साथ पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला महिलाओं से बातचीत करने और गतिरोध को तोड़ने की कोशिश में शाहीन बाग पहुंचे। शाहीन बाग सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है।इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर को खत्म किए जाने के बाद ही यहां से उठेंगे।
(भाषा)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। सीएम का बयान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिसंबर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में हुई मौतों पर है। उन्होंने कहा है रकि अगर कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो वो जिंदा कहां से हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सीएए विरोधी हिंसा में पुलिस की गोली से उत्तर प्रदेश में किसी की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा सीएए विरोधी हिंसा के दौरान राज्य में कुल 20 लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए यह बातें कही।
सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि प्रदर्शन किसी ऐसे स्थान पर किया जाना चाहिये, जहां कोई रास्ता बाधित न हो रहा हो। सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव पर अमल होता है या नहीं यह वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत के बाद ही साफ हो सकेगा।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर इंदौर नगर निगम परिषद के सम्मेलन में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों के बीच तीखी नोंक-झोंक देखने को मिली। इस दौरान आपत्तिजनक नारे भी लगाये गये। सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर विरोध जताया, तो भाजपा पार्षद बुरी तरह भड़क गये। बात इतनी बढ़ गयी कि दोनों धुर विरोधी दलों के पार्षद अपनी कुर्सियों से उठकर तैश में एक-दूसरे के पास पहुंच गये और तीखी बहस करने लगे।
वार्ताकार साधना ने कहा है कि गुरुवार को फिर से प्रदर्शनकारियों से बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा 'हम उनसे मिले और उनकी बातें सुनीं। हमने उनसे पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि हम कल वापस आएं क्योंकि एक दिन में वार्ता पूरी करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हम कल वापस आएं, इसलिए हम कल वापस आएंगे।'
प्रदर्शनकारियों से 2 घंटे बातचीत करने के बाद वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना प्रदर्शन स्थल से बाहर आ गए हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा 'हम कल भी आएंगे। हम सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अपनी बातचीत जारी रखेंगे। हम मिलने आए थे और मिलकर जा रहे हैं।'
ABP न्यूज के मुताबिक प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच बीते दो घंटों से बातचीत जारी है। इस दौरान वार्ताकार प्रदर्शनकारियों को लगातार समझाया लेकिन बातचीत का हल नहीं निकला। अब वार्ताकार कल फिर प्रदर्शनकारियों से बातचीत करेंगे।
वार्ताकार साधना ने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि प्रदर्शन करना आपका हक है लेकिन दूसरों का हक भी नहीं मरना चाहिए।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सरकार की तरफ से कोई बातचीत के लिए उनसे मिले। इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि गृह मंत्री अमित शाह से शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों की मुलाकात हो सकती है। हालांकि इन खबरों का गृह मंत्रालय ने बाद में खंडन कर दिया।
रामचंद्नन ने प्रदर्शनस्थल पर बड़ी संख्या में जमा लोगों से कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन करने के आपके अधिकार को बरकरार रखा है। लेकिन अन्य नागरिकों के भी अधिकार हैं, जिन्हें बरकरार रखा जाना चाहिये। हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं। हम सबकी बात सुनेंगे।'
(भाषा)
Aaj Tak के मुताबिक अबतक वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक घंटे की बातचीत हो गई है। वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से CAA और NRC को लेकर अपनी बातें रख रहे हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े हैं कि जब तक मोदी सरकार संशोधित नागरिकता कानून वापस नहीं ले लेगी वे वहां से नहीं हटेंगे।
ABP News चैनल के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सड़क के बंद होने के लिए प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि पुलिस वैकल्पिक रास्तों को क्यों नहीं खोल रही। हमने सिर्फ 150 मीटर का हिस्सा घेरा है।
Aaj Tak न्यूज चैनल के मुताबिक वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि हमारा जो देश है हिंदुस्तान इसलिए है क्योंकि हम हर एक की बात की इज्जत करते हैं। एक-दूसरे की बात सुनते हैं। लेकिन प्रदर्शन करने का हक वहीं तक है जहां पर दूसरों का हक प्रभावित न हो।
ABP News के मुताबिक प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने इलाके को तीन तरफ से बंद किया हुआ है। सड़क बंद होने के लिए हम जिम्मेदार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि प्रदर्शन किसी ऐसे स्थान पर किया जाना चाहिये, जहां कोई रास्ता बाधित न हो रहा हो। प्रदर्शनकारी बीते दो महीने से भी अधिक समय से संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। वार्ताकारों संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने पत्रकारों से कहा कि वे शाहीन बाग में बड़ी संख्या में जमा लोगों की बात सुनने आए हैं।
(भाषा)
ABP न्यूज के मुताबिक वार्ताकारों ने कहा है कि लोग विरोध प्रदर्शन के लिए स्वतंत्र हैं पर ऐसा रास्ता रोककर करना कहीं से भी ठीक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन के आपके अधिकार को बरकरार रखा है, हम सबकी बात सुनेंगे।
वार्ताकारों ने कहा कि हम यहां कोई फैसला करने नहीं आए हैं बल्कि आपसे बातचीत और आपका पक्ष जानने के लिए आए हैं। हमारी आपसे जो भी बातचीत होगी हम उसे सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शाहीन बाग मामले में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए तीसरे वार्ताकार वजाहत हबीबुल्ला करीब साढ़े चार बजे तक शाहीन बाग पहुंचेंगे।
शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों और सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों के बीच बातचीत से पहले मीडिया को स्थल से हटाया जाएगा। वार्ताकारों ने कहा है कि मीडिया को बाद में बातचीत की पूरी जानकारी दे दी जाएगी।
वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि वह इस मसले का एक ऐसा हल निकालने पर विचार कर रहे हैं जो दुनिया में मिसाल पेश करे। लेकिन यह सब मीडिया के सामने नहीं होगा। हम आपकी अच्छी बुरी सब बातें सुनेंगे।
वार्ताकारों ने कहा है कि वह मीडिया के सामने कोई बातचीत नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारियों के साथ मध्यस्थता की बात मीडिया को बाहर करके ही की जाएगी।
वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा कि आपके (प्रदर्शनकारियों) विरोध के अधिकार को छीना जाए।