बदलते दौर के साथ हमारा लाइफस्टाइल और खान-पान पूरी तरह बदल गया। आज हमारी डाइट इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि हम खाने के नाम पर सिर्फ पेट भरते हैं। जिंदगी में कुछ भी ठीक नहीं है। ना सरल भोजन है, ना सरल जीवन शैली और ना ही योग का महत्व है। देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना खाने के नाम पर जंक फूड्स का सेवन करना हमें डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का शिकार बना रहा है।
अगर हम महात्मा गांधी की जीवन शैली की बात करें तो बापू को ना डायबिटीज की बीमारी थी और ना ही कोलेस्ट्रॉल की परेशानी। उनके स्वस्थ और हेल्दी जीवन के लिए उनका लाइफस्टाइल और खान-पान जिम्मेदार था।

बहुत कम लोग जानते थे कि गांधी जी ने नेचर क्योर हॉस्पिटल और सेवा ग्राम की स्थापना की थी। उन्होंने खेतों की जुताई की, देखभाल और प्यार से कोढ़ियों के मरीजों का पालन-पोषण किया, नैतिक मूल्यों, भोजन, योग पर दैनिक प्रवचन दिए, लोगों को ध्यान कराया और उन्हें प्राकृतिक चिकित्सा के मार्ग पर ले गए। उन्होंने सहज योग या सरल योग दिनचर्या का भी प्रचार किया जिसे हर कोई अपना सकता है।

बापू हमेशा शाकाहारी भोजन करते थे समय पर सोते और जागते थे। प्रकृति के बेहद करीब थे। वो हमेशा क्षेत्रीय और मौसमी फूड्स को खाना पसंद करते थे। उनकी डाइट में बहुत सारे फल, सूखे मेवे, सब्जियां, जड़ी-बूटियां, पौष्टिक भोजन, साधारण तरीके से पके हुए भोजन का सेवन करते थे। उन्होंने अपनी डाइट में हमेशा शुद्ध घी और गुड़ को शामिल रखा। गाय और बकरी के दूध का सेवन किया।

डॉक्टर मिकी मेहता जो एक लेखक है और बॉलीवुड अभिनेताओं के ट्रेनर भी रह चुके हैं उन्होंने बताया कि बॉडी को फिट रखने के लिए महात्मा गांधी के डाइट प्लान को अपनाना बेहद जरूरी है। बापू जिस डाइट प्लान को अपनाते थे अगर हम भी उसे अपनाएं तो आसानी से डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल से बच सकते हैं। आइए जानते हैं कि इन क्रॉनिक बीमारियों से बचाव करने के लिए कैसा होना चाहिए डाइट प्लान।

गांधीवादी जीवन शैली कैसे हमें फिट रखती हैं?

गांधीवादी जीवन शैली शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और जितना संभव हो सके खुली हवा में चलने के बारे में है। प्राणायाम की मदद से लयबद्ध श्वास लेना, शाम को सुपर लाइट एक्सरसाइज करना और व्यस्त कार्यक्रम के बीच आराम करना, इन सभी बातों का जीवन पर शांत प्रभाव पड़ता है। सही सांस लेना, संभव हो तो खुले आसमान के नीचे साफ जगह पर सोना फायदेमंद होता है।

1) दिन की शुरुआत पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पीकर करें। यह वासोडिलेटर (vasodilator) के रूप में कार्य करता है। यह रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को फैलाता है, मांसपेशियों और अंगों में परिसंचरण में सुधार करता है।

2) डाइट में अदरक, हर्बल और ग्रीन टी शामिल करें। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अदरक का सेवन दिल की सेहत को दुरुस्त करता है। यह कोलेस्ट्रॉल को 17 प्रतिशत और ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम कर सकता है।

3) नाश्ता में अनार, शहद, तरबूज, कस्तूरी तरबूज, सेब और नाशपाती जैसे फलों को शामिल करें। फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और चीनी में कम ये फ्रूट बॉडी को हेल्दी रखते हैं।

4) लंच से 20 मिनट पहले एक कटोरी सलाद लें। फाइबर पेट को भरेगा और बॉडी को हेल्दी रखेगा।

5) लंच में दाल (मूंग, मसूर, कुलीथ आदि) शामिल करें। रोटी में बाजरा,ज्वार के आटे को शामिल करें। सब्जियों में लौकी, कद्दू, पालक, मेथी, ऐमारैंथ, हरी बीन्स, फूलगोभी, मूली या मौसमी और क्षेत्रीय सब्जियों को शामिल करें। अगर आपको चावल पसंद हैं तो बिना पॉलिश किए चावल लें। दोपहर के भोजन में दही और छाछ के साथ जीरा, हींग, पुदीना और नमक शामिल करें।

6) अपनी शाम की दिनचर्या में हरी या अदरक वाली चाय शामिल करें। एक कटोरी स्प्राउट्स सलाद या मखाना या ड्राई फ्रूट को शामिल करें। भीगे हुए मेवे बादाम,अखरोट,काली किशमिश और कुछ बीज जैसे सूरजमुखी, तिल, कद्दू के बीज को शामिल करें।

7) रात का खाना जल्दी और हल्का होना चाहिए। रात के खाने में आप मूंग या मसूर,शकरकंद,टिक्की,मूंग की खिचड़ी के साथ कद्दू और लौकी जैसी सब्जी और दाल-आधारित सूप का सेवन करें।

8) सोने से आधा घंटे पहले एक कप गर्म दूध में जायफल/इलायची/अदरक/दालचीनी मिलाकर पीएं।

9) जीरा, अजवायन, धनिया, हल्दी, मेथी, सौंफ, अदरक, काली मिर्च, पुदीना, धनिया पत्ती जैसे भारतीय मसालों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

10) दिनभर खुद को हाइड्रेट रखें।