टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के नेतृत्व में डेब्यू किया था। उन्होंने अपना पहला मैच बांग्लादेश के खिलाफ दिसंबर 2004 में खेला था। इसके बाद वे देश के सबसे सफल कप्तान बने। धोनी के आने के कुछ ही दिनों बाद गांगुली को कप्तानी से हटा दिया गया था।सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट के गलियारों तक यह चर्चा बहुत दिनों से हो रही है गांगुली और धोनी में से बेस्ट कप्तान कौन हैं।

दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल कप्तान ग्रीम स्मिथ इस डिबेट में शामिल हो गए हैं। स्मिथ को लगता है कि गांगुली की कप्तानी में अगर धोनी जैसा विकेटकीपर-बल्लेबाज होता तो नतीजे कुछ और होते। टीम और भी ज्यादा आक्रामक होकर खेलती। स्मिथ ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट केनेक्टेड’ कहा, ‘‘दादा की कप्तानी और धोनी की कप्तानी में सबसे बड़े अंतर के रूप में धोनी ही थे। मुझे लगता है कि उनकी टीम के मध्यक्रम में मैच को नजदीक तक ले जाने और जीतने की क्षमता थी। ’’

स्मिथ ने आगे कहा, ‘‘धोनी शांति से मैच को समाप्त करते थे। उन्होंने अपने आस-पास ऐसे खिलाड़ी तैयार किए। इसलिए दोनों कप्तानों के बीच का अंतर धोनी ही थे। अगर दादा (गांगुली) के पास धोनी जैसा खिलाड़ी होता तो उनकी टीम ज्यादा विकसित होती। मुझे लगता है कि आप उन्हें ज्यादा ट्रॉफी जीतते देख पाते। दादा उस दौर में खेलने में भाग्यशाली थे जब ऑस्ट्रेलियन टीम अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में थी। आप कह सकते हैं कि वे एक तरह से भाग्यशाली नहीं भी थे। उस दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम सबसे ज्यादा जीतती थी।’’

गांगुली ने साल 2000 से 2005 तक टीम का नेतृत्व किया था। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत थी। इसके अलावा 2003 में वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंचना रहा। गांगुली अजय रात्रा, विजय दहिया, दीप दासगुप्ता, राहुल द्रविड़ और पार्थिव पटेल जैसे विकेटकीपर के साथ खेले थे। गांगुली ने वनडे में 11363 और टेस्ट में 7212 रन बनाए थे। धोनी के वनडे में 10773 और टेस्ट में 4876 रन हैं।