टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर बुधवार (14 अक्टूबर) को 39 साल के हो गए। गंभीर ने भारत के लिए 58 टेस्ट में 51.5 की औसत से 4154 रन बनाए। 147 वनडे में 39.7 की औसत से 5238 रन बनाए और 37 टी20 में 27.4 की औसत से 932 रन बनाए। इन बेहतरीन आंकड़ों के बावजूद गंभीर लंबे समय तक देश के लिए नहीं खेल पाए। उन्हें 2013 में टीम इंडिया से निकाल दिया गया। इसके बाद दो बार वापसी का मौका भी मिला, लेकिन वे नियमित नहीं हो पाए। गंभीर को इस बात का दुख है। उन्होंने कई बार इंटरव्यू में इसके बारे कहा भी है।

गंभीर ने दो साल पहले ‘स्पोर्ट्स तक’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 5 टेस्ट में 3 अर्धशतक लगाने के बावजूद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। 2011 वर्ल्ड कप जीत के बाद भी उन्हें 2015 वर्ल्ड कप की टीम में नहीं रखा गया था। गंभीर ने इंटरव्यू में कहा था, ‘‘मुझे एक चीज का गिला है कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 350 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद टीम से बाहर कर दिया गया था। उस फॉर्म के आधार पर मुझे वनडे से भी बाहर किया गया था। आज किसी को भी एक फॉर्मेट से बाहर किया जाता है, लेकिन मुझे टीम से ही बाहर कर दिया गया था। 2012 में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग नंबर 7 या 8 था।’’

गंभीर ने कहा था, ‘‘वनडे क्रिकेट में कभी कमबैक नहीं कर पाया। यह दुख लंबे समय तक रहा था। उस समय माना जा रहा था कि आप शतक नहीं लगाते हैं तो आप फेल हैं। मैंने आखिरी टेस्ट सीरीज में 4 टेस्ट मैच में 5 अर्धशतक लगाए थे, लेकिन वनडे क्रिकेट से बाहर होने पर बहुत दुख हुआ था। 2012 के बाद दो बार कमबैक का मौका मिला था। 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट खेलने का मौका मिला था, लेकिन दुर्भाग्य से रन नहीं बना सके। उस सीरीज में किसी के रन नहीं बने। बस निकाला मुझे गया था। 2016 में दो टेस्ट के बाद ड्रॉप हो गया। मुझे इस बात की खुशी है कि देश के लिए योगदान दे सका।’’

महेंद्र सिंह धोनी 2012 में 2015 वर्ल्ड कप के लिए टीम बना रहे थे। उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के ग्राउंड पर वे सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को एक साथ नहीं रख सकते। उन्हें टीम में बेहतर फील्डर चाहिए था। इस पर भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए आश्चर्यजनक था। आपने कभी नहीं सुना होगा कि 2015 के लिए 2012 में टीम बनाते हैं। जब आप वर्ल्ड कप के लिए टीम चुनते हैं तो कौन खिलाड़ी फॉर्म में यह देखते हो। वह सही नहीं था। अगर आप ठीक से बल्लेबाजी नहीं करते हैं तो समझ में आता है, लेकिन फॉर्म में होने पर बाहर होने पर दुख होता है। मुझे दुख हुआ था।’’