अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद नेपोटिज्म का मुद्दा एक बार से गरमाया हुआ है। बॉलीवुड में कई अभिनेता और अभिनेत्रियों ने इस बात को सबके सामने आकर मानी है। अब क्रिकेट में भी इसको लेकर चर्चा हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने कहा है कि क्रिकेट में भी वंशवाद है। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आईपीएल नीलामी में वंशवाद होता है। आकाश ने कहा कि नीलामी की प्रक्रिया के दौरान इस बात बिल्कुल भी महत्व नहीं दिया जाता है।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘अगर आप बड़े स्तर पर देखें तो सुनील गावस्कर के बेटे थे रोहन गावस्कर। सिर्फ सुनील गावस्कर के बेटे थे तो इस पर उन्हें बहुत सारे टेस्ट और वनडे खेल लेने थे। ऐसा हुआ नहीं। जब वे भारत के लिए खेले थे तो बंगाल के लिए बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर मौका मिला था। आप ये सोचिए सुनील गावस्कर अपने बेटे को मुंबई से नहीं खेला रहे थे। मुंबई से उनके लड़के को जगह नहीं मिल रही थी चाहे उनके नाम के आगे गावस्कर क्यो नहीं लिखा था।’’

आकाश ने आगे कहा, ‘‘अर्जुन तेंदुलकर के बारे में भी आप यही कह सकते हैं। उन्हें थाली में परोस कर कुछ नहीं दिया जा रहा है। आप सचिन के बेटे हैं तो आपको आसानी से टीम इंडिया में जगह नहीं मिल सकती है। ऐसा अंडर-19 या भारत-ए टीम में भी नहीं होता है। आपको बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा। कभ-कभार ऐसा हुआ होगा, लेकिन उच्च स्तर के क्रिकेट में ऐसा नहीं है। हालांकि, डोमेस्टिक क्रिकेट में मैंने ऐसा देखा है।’’

भारतीय ओपनर ने कहा, ‘‘एक स्टेट में पदाधिकारी का बेटा लंबे समय तक टीम का कप्तान बना रहा है। उन्होंने लंबे समय तक राज किया। हालांकि, बल्लेबाजी या उनके खेल में उतना दम नहीं था। ये आंकड़े बताते हैं। डोमेस्टिक लेवल पर ऐसा हो सकता है, लेकिन उच्च स्तर पर नहीं होता है। आईपीएल का कॉन्ट्रेक्ट भी ऐसे ही किसी को नहीं देते हैं। किसी का बेटा या किसी मामा के भांजे को कॉन्ट्रेक्ट नहीं मिलता है। अन्य इंड्रस्ट्री की तुलना में यहां कोई शोएब अख्तर, ब्रेट ली और जोफ्रा आर्चर आता है और बाउंसर मारता है। वह यह नहीं पूछता है कि आप किसके बेटे हैं।’’