पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम बीते कुछ सालों में महिलाओं में सबसे अधिक होने वाली समस्याओं में से एक है। इससे पीड़ित महिलाओं में पुरुष हार्मोन यानी एंड्रोजन का स्तर अधिक बढ़ने लगता है और महिला हार्मोन यानी प्रोजेस्ट्रॉन की कमी होने लगती है। इस स्थित में हार्मोन्स इंबैलेंस हो जाते हैं जिसके चलते ओवरीज में सिस्ट बनने लगते हैं। ऐसे में ओवुलेशन होना कम हो सकता है या बिल्कुल बंद भी हो सकता है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अनियमित पीरियड्स या प्रेग्नेंसी में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा महिलाओं को स्किन से जुड़ी समस्याएं जैसे पिंपल्स, चेहरे पर अधिक बाल आना, बेहद ड्राई स्किन से लेकर डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में इस तरह की समस्या से निजात पाना बेहद जरूरी हो जाता है।

इसके लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स दवाइयों से अलग खासकर एक्सरसाइज को बेहद जरूरी बताते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर आप पीसीओएस से पीड़ित हैं, तो सबसे जरूरी यही है कि आप नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें। वहीं, व्यायाम करना क्यों महत्वपूर्ण है, आइए जानते हैं इसके बारे में-

हार्ट के लिए है बेहद जरूरी

जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा सबसे अधिक रहता है। इसके चलते हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर और जानलेवा स्थिति का जोखिम भी बढ़ जाता है। हालांकि, एक्सरसाइज करने से इस जोखिम को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कुछ खास व्यायाम हार्ट की गति को बढ़ाकर सही ढंग से ब्लड को पंप करने का काम करते हैं और इस तरह ये दिल की सेहत के लिए जरूरी हो जाते हैं।

कम हो जाता है डायबिटीज के खतरा

पीसीओएस होने से इंसुलिन (जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है) का स्तर अनियंत्रित हो जाता है। ब्लड में इंसुलिन का लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में शुगर लेवल तेजी से घटने लगता है। इस गड़बड़ी की वजह से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में भी नियमित एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। नियमित रूप से कार्डियो व्यायाम और अभ्यास करने से बॉडी में इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है औऱ इंसुलिन मैनेजमेंट में सुधार डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

दूर होती हैं नींद से जुड़ी परेशानियां

कई शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को नींद से जुड़ी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। इस तरह की स्थिति से जूझ रहीं महिलाओं को स्लीप एपनिया, सोते समय अधिक खर्राटे आना, एकाग्रता में कठिनाई, याददाश्त में कमी, चिड़चिड़ापन, थकान और अवसाद जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इन तमाम परेशानियों से निजात पाने के लिए भी व्यायाम दिनचर्या का पालन करना आदर्श बताया गया है।

वेट लॉस में करता है मदद

इन सब के अलावा बढ़ता वजन भी पीसीओएस का अहम कारण हो सकता है। वहीं, वेट लॉस के लिए नियमित एक्सरसाइज को सबसे अधिक फायदेमंद माना गया है। इस तरह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए एक्सरसाइज बेहद जरूरी है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।