Allahabad Lok Sabha Election 2024 : यूपी के प्रयागराज जिले की दो लोकसभा सीटों- इलाहाबाद और फूलपुर- में से इलाहाबाद सीट कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से जिन 17 सीटों को लिया है, उनमें धर्म, शिक्षा, राजनीति, और न्यायविदों से आबाद इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है। यह वह लोकसभा क्षेत्र है, जहां से 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी से तब सिनेमाई सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने जीत हासिल की थी। उसके बाद से कांग्रेस पार्टी यहां से कभी नहीं जीती।
1984 के बाद से अब तक कांग्रेस को नहीं मिली जीत
1989 के चुनाव में जनता दल से छोटे लोहिया के नाम से विख्यात समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्रा ने कांग्रेस उम्मीदवार कमला बहुगुणा को हराया था। यानी 1989 से 2019 तक हुए हर चुनाव में कांग्रेस पार्टी या तो तीसरे स्थान पर रही या चौथे स्थान पर रही। अब जबकि अयोध्या में पांच सौ साल के लंबे संघर्ष के बाद राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से बीजेपी के प्रति बहुसंख्यक आस्थावानों का व्यापक समर्थन साफ तौर पर मिलता दिख रहा है, यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की डबल इंजन की पूर्ण बहुमत की सरकार सफलतापूर्वक चल रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दो दशक के शासन और पार्टी की नजर में उनकी बेदाग छवि की जमीनी हकीकत के बीच कांग्रेस को 35 साल बाद यहां से जीत की उम्मीद सियासी जानकारों को हैरान करने वाली लगती है।
न्याय यात्रा से दिल बदलने की पार्टी को उम्मीद
कुछ लोगों का मानना है कि राहुल गांधी यह मानकर चल रहे हैं कि उनकी पहली भारत जोड़ो यात्रा और दूसरी बार भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जनता के बीच उनके और उनकी पार्टी के प्रति समर्थन बढ़ा है। उनकी छवि में खासा सुधार हुआ है। कई लोग यह भी कहते हैं कि पार्टी के रणनीतिकारों की अगर इस सोच पर भरोसा कर भी लिया जाए तब भी यह यूपी जैसे राज्य में जहां कांग्रेस को पिछले चुनाव में दो सीटें भी जीतना मुश्किल हो गया था, वहां यात्रा का कोई प्रभाव पड़ा हो, ऐसा दूर तक नहीं दिखता है। देश के दक्षिण के राज्यों में जरूर कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा होगा, लेकिन उत्तर भारत में ऐसा हर्गिज नहीं दिखता है।
युवाओं से आस, सपा के मुस्लिम वोटरों का साथ
राहुल गांधी को उम्मीद है कि महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त शहरी युवा उनका साथ देंगे तो दूसरी तरफ गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोटर उनकी जीत के मंसूबे को पूरा करेंगे। उनकी इस उम्मीद की बुनियाद कितनी मजबूत है, इसका आकलन तो तब होगा, जब चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो जाएगा।
अधिकतर युवा दूसरे शहरों के हैं, मतदाता नहीं हैं
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में लंबे समय से तीसरे और चौथे स्थान पर रह रही कांग्रेस पार्टी जिन युवाओं पर भरोसा जता रही है, उनमें से अधिकतर यहां सिर्फ पढ़ने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग करने के लिए रह रहे हैं, वे खुद यहां वोटर नहीं हैं। ऐसे में वे कैसे पार्टी की जीत की राह आसान करेंगे, यह समझना मुश्किल है।
चुनावी वर्ष | विजेता उम्मीदवार और पार्टी | पराजित उम्मीदवार और पार्टी | तीसरे स्थान वाली पार्टी और उम्मीदवार | चौथे स्थान वाली पार्टी और उम्मीदवार |
2019 | रीता बहुगुणा जोशी (BJP) | राजेंद्र सिंह पटेल (SP) | योगेश शुक्ला (Congress) | गिरधर गोपाल त्रिपाठी (CPI) |
2014 | श्यामा चरण गुप्ता (BJP) | कुंवर रेवती रमण सिंह (SP) | केशरी देवी पटेल (BSP) | नंद गोपाल गुप्ता (Congress) |
2009 | कुंवर रेवती रमण सिंह (SP) | अशोक कुमार बाजपेयी (BSP) | योगेश शुक्ला (BJP) | श्याम कृष्ण पांडेय (Congress) |
2004 | कुंवर रेवती रमण सिंह (SP) | डॉ. मुरली मनोहर जोशी (BJP) | आरके सिंह पटेल (BSP) | सत्य प्रकाश मालवीय (Congress) |
1999 | डॉ. मुरली मनोहर जोशी (BJP) | कुंवर रेवती रमण सिंह (SP) | रीता बहुगुणा जोशी (Congress) | राम दुलारे सिंह पटेल (BSP) |
1998 | डॉ. मुरली मनोहर जोशी (BJP) | श्यामा चरण गुप्ता (SP) | केपी श्रीवास्तव (BSP) | दल बहादुर सिंह (Congress) |
1996 | डॉ. मुरली मनोहर जोशी (BJP) | सरोज दुबे (Janta Dal) | राम सेवक सिंह (BSP) | जगदीश नारायण मिश्रा (Congress) |
1991 | सरोज दुबे (Janta Dal) | श्यामा चरण गुप्ता (BJP) | अनिल शास्त्री (Congress) | जंग बहादुर सिंह पटेल (BSP) |
1989 | जनेश्वर मिश्रा (Janta Dal) | कमला बहुगुणा (Congress) | जंग बहादुर सिंह पटेल (BSP) | निर्दलीय |
1984 | अमिताभ बच्चन (Congress) | हेमवती नंदन बहुगुणा (Lok Dal) | निर्दलीय | निर्दलीय |
इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र में शहर का पुराना इलाका और व्यापारियों का गढ़ वाला हिस्सा आता है। इसके अलावा शहर पश्चिमी का कुछ हिस्सा भी इसमें आता है। बाकी यमुनापार का पूरा ग्रामीण क्षेत्र, जिसमें करछना विधानसभा, मेजा विधानसभा, कोरांव विधानसभा और बारा विधानसभा क्षेत्र शामिल है, आता है।
यह वह क्षेत्र है, जहां मुख्य रूप से ब्राह्मण, वैश्य, कायस्थ मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। इनके बाद चौथे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं। सिर्फ कोरांव विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां एससी, एसटी और पिछड़ी जाति की आबादी ज्यादा है।
फिलहाल इलाहाबाद लोक सभा सीट पर दो लाख 45 हजार ब्राह्मण, 55 हजार ठाकुर-भूमिहार, ढाई लाख दलित, एक लाख कोल, डेढ़ लाख वैश्य, 80 हजार मौर्य और कुशवाहा, चालीस हजार पाल, एक लाख 25 हजार निषाद बिंद, एक लाख विश्वकर्मा और प्रजापति और दूसरे वोटर हैं।