
हर साल विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों की रिपोर्टें हमें बताती हैं कि हमारे बच्चे अपनी आयु और स्तर…
हर साल विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों की रिपोर्टें हमें बताती हैं कि हमारे बच्चे अपनी आयु और स्तर…
हमारे जीवन की कथा यही है कि हम जाना कहीं और चाहते हैं, लेकिन रेलगाड़ी कोई दूसरी दिशा पकड़ लेती…
यों कोई भी समाज पूरी तरह विसंगतियों से मुक्त नहीं होता, पर हमारे यहां कई विसंगतियां जागरूकता के अभाव और…
जिन जगहों पर बैठने के लिए आपस में लड़ाई होती थी, उन पर अब चूहों-बिल्लियों की धमा-चौकड़ी दिखेगी। कोई नहीं…
आजाद भारत में हमने ढेरों शैक्षिक समितियां बनार्इं, राष्ट्रीय नीतियां बनार्इं, राष्ट्रीय शैक्षिक आयोग की स्थापनाएं कीं। लेकिन जो नहीं…
यहां जब हम कहानी की बात कर रहे हैं तो वह एक अकादमिक कथाकार और उपन्यासकार की कहानी से हट…
हमें याद होगा कि कभी वक्त था जब शादी-ब्याह या फिर तीज-त्योहारों पर नए कपड़े दिलाए जाते थे। जिन्हें हम…
असफलता का डर, लोगों के हंसने का डर, दूसरों की नजरों में बेहतर साबित न हो पाना आदि ऐसे आम…
किसी सूचना की कितनी आवश्यकता है, कब जरूरत है, क्यों जरूरत है, इसे ध्यान में रखना जरूरी होता है। क्या…
दिल्ली के तमाम व्यावसायिक माने जाने वाले इलाकों में चौराहों, दीवारों, खंभों आदि पर एक विज्ञापन चिपका मिलेगा- ‘सरकारी टीचर…
पिछले पांच सालों में डेढ़ लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं। तर्क दिया गया कि बच्चे कम…
वे कहते हैं कि मैं खूबसूरत हूं… वे कहते हैं कि आप जो जूता पहन रहे हैं, वह सांस नहीं…