
जितनी अहमियत केंद्र सरकार में एक काबिल और शक्तिशाली स्वास्थ्य मंत्री की आज है, पहले कभी नहीं थी। इस मंत्री…
कोई ऐसा मुल्क नहीं होगा, जहां अस्पतालों के बाहर बेहद गंभीर मरीजों को लिए एंबुलेंसों की कतारें लगी हों और…
क्रोध की स्वाभाविकता या उससे जुड़े नैतिक-सामाजिक सरोकारों की चर्चा करने के क्रम में आचार्य शुक्ल उस हानि की चर्चा…
दिखावे के उपभोग ने विवाह जैसे पवित्र बंधन को भी बाजार का हिस्सा बना दिया है। एक होड़-सी नजर आती…
उत्तर प्रदेश में चुनावों की हलचल शुरू है! रथी, महारथी, बली, महाबली, बाहुबली सभी टीवी में खबरें बनाने लगे हैं।…
विशेषज्ञ कहते हैं कि कोविड अब जाएगा नहीं। हर साल हमको टीके लगवाने पड़ेंगे इससे बचने के लिए, जैसे ‘फ्लू’…
1991 के लोकसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत मिलने की उम्मीद नहीं थी। कांग्रेस दो सौ बत्तीस सीटें…
एक चैनल पर तीन तरह के विशेषज्ञों ने तीसरी लहर के आने के तीन मुहूर्त निकाले! एक कहिन कि सितंबर…
वैसे तो हमारी पूरी शिक्षा प्रणाली ही इसके लिए जिम्मेदार है, जहां आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों से निकले डॉक्टर, इंजीनियर…
दिल्ली में शरद पवार के घर हुई छोटी-सी बैठक को देख कर अटकलें खूब लगीं कि पवार साहब एक तीसरा…
यह लेख एमएसएमई पर केंद्रित है। अखबारों ने एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी के बयान पर खबर छापी है, जिसमें कहा…
तुलसी ने लोकमंगल की दरकार को हमारी सांस्कृतिक परंपरा के साथ जोड़ा। तुलसी जब अपनी रामकथा को ‘मंगल-करनि कलि-मल हरनि’…