
बीसवीं सदी के अंतिम दौर में सामाजिक समीकरण वाली राजनीति की शुरुआत होती है। तब वैश्विक स्तर पर नारा दिया…
हाल के विद्रोह को कजाकिस्तान की सरकार ने तख्तापलट की साजिश बताया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक इसे एक नई क्रांति…
देवताओं में त्रिदेव के समानांतर उन्होंने पर्यावरण पर सबसे सकारात्मक प्रभाव डालने वाले तीन वृक्षों की त्रिमूर्ति तैयार की और…
वजह जो भी रही हो, पर इससे रेल महकमे की जवाबदेही कम नहीं हो जाती। यह सवाल अनुत्तरित बना हुआ…
पहली लहर के दौरान देश को महामारी से बचाने के लिए पूर्णबंदी जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा था। तब हालात…
शिक्षा को ‘उबंतु’ के दर्शन को आत्मसात करना होगा, जिसमें ‘मैं हूं, क्योंकि हम हैं’ का मूल केंद्रित हो। यह…
माना कि पंजाब में चुनावों की सरगर्मी है, लेकिन चुनाव जीत कर क्या हासिल होगा, अगर देश में फिर से…
मुसलमान, ईसाई और सिख ठीक वैसे ही भारतीय हैं जैसे कि हिंदू। उन्हें अपना धर्म मानने का हक है, और…
संत विनोबा को लोग वर्धा में उनके पवनार के आश्रम से जानते हैं। पर उनके जीवन का एक दिलचस्प प्रसंग…
यदि आबादी में महिलाओं का हिस्सा आधा है तो रोजगार में भी उनका प्रतिनिधित्व इसी अनुपात में होना चाहिए। पर…
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि कोरोना के भयावह दौर में सबसे ज्यादा चिकित्साकर्मी ही जूझे हैं।…