संपादकीय ‘गंगा का जीवन’ (जनसत्ता, 31 अक्तूबर) पढ़ा। ऐसा लगता है कि गंगा की सफाई या रखरखाव सरकार के बस…
के विक्रम राव विष्णु नागर ने (24 नवंबर) अंगरेजी भाषाई अखबारों की उचित ही भर्त्सना की है। उनकी समाचार-निरपेक्षता, चलताऊ…
सवाईसिंह शेखावत इधर स्त्रियों के साथ कुछ भी गलत घटने पर उनके कपड़े-लत्तों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने और दूसरी…
अपूर्वानंद तिरंगी टोपी पहने याकूब नमाज पढ़ रहा है। सफेद और काली टोपी पहने एक दूसरा ‘बदमाश’ मुसलमान उसे पैसे…
कुलदीप कुमार जाति-व्यवस्था आज भी कितनी मजबूत है और आजादी मिलने के सड़सठ साल बाद भी देश में छुआछूत का…
अशोक वाजपेयी दशकों पहले हमने भारत भवन में कविभारती नाम से एक वार्षिक आयोजन शुरू किया था, जिसमें अनेक भाषाओं…
शंभुनाथ फ्रांसीसी यात्री बर्नियर 1656 में भारत आया था। उसने पुरी की उस जमाने की रथयात्रा का वर्णन करते हुए…
ओमप्रकाश झा देवशंकर नवीन की नई पुस्तक राजकमल चौधरी- जीवन और सृजन राजकमल चौधरी का समग्र पता देती है। राजकमल…
रीतारानी पालीवाल सुप्रसिद्ध कवि, आलोचक, नाटककार नंदकिशोर आचार्य के संपूर्ण नाटकों का संग्रह है रंग-यात्रा। लगभग तीन दशक की इस…
आए दिन बच्चियों से बलात्कार और उनकी हत्या की खबरें अखबारों में छपती रहती हैं। जहां ये वारदातें होती हैं…
मैंने रतलाम से नई दिल्ली स्वराज एक्सप्रेस से 24.11.14 को यात्रा की थी। मेरा पीएनआर नं 822-9859894 है। यह टिकट…
नीरज प्रियदर्शी विश्व के इतिहास में ‘शासन की नीति’ की गूढ़ परिभाषाएं शासनाधीन व्यक्तियों के लिए बहुत हद तक अबूझ…