Delhi elections: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का आरोप है कि एक दशक पहले परिवर्तन के नाम पर आई आम आदमी पार्टी आज भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गई है। गड्ढों में सड़क ढूंढती दिल्ली कूड़े का ढेर बन गई है। उनका दावा है कि कांग्रेस दिल्ली के मैदान में कहीं नहीं है और कमल के निशान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम के आधार पर भाजपा दिल्ली में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी। सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के द्वारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा बताना धोखा है। केजरीवाल का शीशमहल भ्रष्टाचार का संग्रहालय है। आम आदमी पार्टी का फलसफा रहा कि दिल्ली को जितना लूट सको, लूट लो। नई दिल्ली में वीरेंद्र सचदेवा से कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज की विस्तृत बातचीत के मुख्य अंश।

Delhi elections 2025: दिल्ली की जनता अपनी नई सरकार चुनने जा रही है। दिल्ली की सत्ता को लेकर भाजपा पूरी तरह उम्मीदजदा है। आप ऐसी क्या वजह देखते हैं कि जनता विकल्प के रूप में भाजपा को सत्ता दे?
वीरेंद्र सचदेवा: सबसे पहला कारण है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दस वर्षों का काम। देश ही नहीं, पूरा विश्व उनका लोहा मानता है। भाजपा अच्छे प्रशासन का ‘सर्वश्रेष्ठ माडल’ बन चुकी है। लेकिन दिल्ली की जनता पिछले 26-27 वर्षों से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। जिस दिल्ली में 15 मिनट की बारिश में 50 से ज्यादा लोग सड़क पर डूब कर मर जाएं क्या वो देश की राजधानी हो सकती है? जहां गड्ढे में सड़क खोजनी पड़ी। जहां बूंद-बूंद पानी के लिए लोग हत्या भी करने के लिए तैयार हो जाएं वो दिल्ली अपनी है क्या? पिछले 23-24 वर्षों में हजारों लोग सिर्फ गंदा पानी पीने से मर गए। जिस शहर में नागरिक सुविधाओं के नाम पर सिर्फ धोखा मिले, साफ-सफाई के नाम पर कूड़े का पहाड़ मिले, ऐसी दिल्ली को कौन बचाएगा? दिल्ली के दर्द को भाजपा के दोहरे इंजन की सरकार ही खत्म कर सकती है।

पिछले दस वर्षों से केंद्र में भाजपा की सरकार है। उसके बावजूद दो बार दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को ही चुना। जनता ने लगातार दो बार भरोसा किया आम आदमी पार्टी पर केंद्र में भाजपा के होते हुए भी। इसकी वजह?
वीरेंद्र सचदेवा: उस समय आम आदमी पार्टी को लेकर जनता के आकर्षण के कई कारण थे। लुभावने वादों के साथ राजनीति में बिल्कुल नया चेहरा था। अण्णा हजारे पर भी लोगों का भरोसा था। इनसे बदलाव की उम्मीद जगी। अफसोस, इन्होंने बदले सिर्फ अपने हालात। कौन ऐसा सनातनी व्यक्ति होगा जो अपने बच्चों के सिर पर हाथ रख कर झूठी कसम खा ले सरकारी गाड़ी, बंगला और सुरक्षा नहीं लेने की। उसके बाद शीशमहल बनवाता है। उनका बनवाया शीशमहल भ्रष्टाचार का संग्रहालय है। इस पर तो अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा ही जा रहा है। देश ही नहीं पूरी दुनिया में अरविंद केजरीवाल अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने जनता को शराब की एक बोतल के साथ दूसरी बोतल मुफ्त पीने के लिए दी। केजरीवाल आनेवाली पूरी पीढ़ी को शराबी बनाना चाहते थे। कोविड के समय जब मरते हुए लोग आक्सीजन खोज रहे थे उस वक्त अरविंद केजरीवाल शराब में मुनाफा खाने की नीति बना रहे थे।

शीशमहल के बरक्स आम आदमी पार्टी प्रधानमंत्री के लिए राजमहल बनाने का आरोप लगाती है।
वीरेंद्र सचदेवा: जहां तक प्रधानमंत्री आवास की बात है, सात लोक कल्याण मार्ग राजीव गांधी के समय विकसित हुआ था। वह प्रधानमंत्री के लिए आधिकारिक आवास है। राजीव गांधी के बाद वीपी सिंह, इंद्र कुमार गुजराल, देवेगौड़ा, चंद्रशेखर, नरसिंह राव, अटल जी सब वहां रहे। वहां जो भी पैसा लगता है सरकार का पैसा लगता है। जहां तक मुख्यमंत्री आवास का सवाल है तो वे एक आवास को इसके लिए अधिकृत कर सकते थे। लेकिन दस साल में उन्होंने ऐसा जानबूझ कर नहीं किया। क्योंकि आपको मुख्यमंत्री आवास के नाम पर ऐश करनी थी। शराब की बार, करोड़ों के संगमरमर, कमोड में सोने की परतें। मसाज करने वाली कुर्सी। दिल्ली को मुगलों ने इतना नहीं लूटा जितना दस साल में केजरीवाल ने लूटा।

भ्रष्टाचार के मसलों पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि पैसों के लेनदेन के सबूत नहीं मिले हैं। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा सीबीआइ, ईडी जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल करती है।
वीरेंद्र सचदेवा: इस देश में संविधान और कानून का शासन है। आम आदमी पार्टी के नेताओं को अदालत ने जेल भेजा है। अदालत ने केजरीवाल को भ्रष्टाचार के मुख्य सूत्रधार के रूप में देखा है। अगर पैसे की लेनदेन के सबूत नहीं हैं तो इन्हें जेल किसने भेजा? मनीष सिसोदिया 17 महीने जेल में रहे। जांच प्रक्रिया में समय लगता है। इसलिए निश्चित समय के बाद किसी भी अपराध में जमानत मिल सकती है। केजरीवाल, सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन सबको अदालत ने जेल भेजा। 45 करोड़ के भ्रष्टाचार के सबूत सीबीआइ ने गोवा के मामले में दिए। एक बात ध्यान में रखिए कि केजरीवाल शिक्षित होने के साथ सरकारी अधिकारी भी रहे हैं। उन्हें पता है कि किसी विभाग की जांच होगी तो वह सबसे पहले क्या देखेगा। हमें अदालत और कानून पर विश्वास है। ये सब जमानत पर छूटे हुए आरोपी हैं जो कुछ समय के लिए बाहर हैं। ये अपराध मुक्त नहीं हैं। इन्हें सजा मिलेगी।

सड़क, पानी, प्रदूषण जैसी जितनी भी समस्याओं का आपने उल्लेख किया, आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केंद्र उसे काम नहीं करने देता है।
वीरेंद्र सचदेवा: पानी राज्य का विषय है। जिस कागज को लहरा-लहरा कर शीला दीक्षित को गाली देते थे उस टैंकर वाली समस्या का क्या हुआ? उस समय दिल्ली में 1200 टैंकर होते थे और आज 3000 से ज्यादा टैंकर हैं। टैंकर का पानी बंद करने के बजाय टैंकर माफिया से कमीशन खाने का काम केजरीवाल ने किया। झुग्गी बस्तियों के बिजली बिल माफी में भी घोटाला है। झुग्गियों के बिल काफी ज्यादा आते थे। इस घोटाले के खिलाफ भाजपा ने आवाज उठाई तो शुल्क कम हुए। मोहल्ला क्लीनिक फर्जीवाड़े के अड्डे हैं। फर्जी फोन नंबर से भरे हुए। एक आदमी के शरीर में उतनी बीमारियां नहीं होतीं जितनी के इलाज का दावा करते हैं। केजरीवाल का फलसफा है, दिल्ली को जितना लूट सको, लूट लो।

आम आदमी पार्टी का दावा है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मसले पर इतना काम किया कि विदेशों में ‘दिल्ली माडल’ की तारीफ हुई।
वीरेंद्र सचदेवा: मैं अरविंद केजरीवाल को चुनौती देता हूं कि दिल्ली में विकास के काम पर आकर मुझसे बहस करें। सरकारी अस्पताल में नकली दवाई पकड़ी गई। सीबीआइ की जांच चल रही है। अस्पतालों में दवाओं की वैसी खेप आती है जिसकी ‘एक्सपायरी डेट’ 15 से 20 दिन की बची होती है। कंपनियां अपनी दवा खपा लेती हैं और ये पैसे खाते हैं। पुराने स्कूल की इमारतों में संगमरमर लगा देने से शिक्षा बेहतर नहीं होती। मैंने जाकर देखा है। एक कक्षा में सौ बच्चे बैठे थे। आधे बच्चों का मुंह एक तरफ था तो आधे की पीठ दूसरी तरफ। शिक्षक दस मिनट एक तरफ के बच्चों को पढ़ा रहे थे तो दस मिनट दूसरी तरफ के बच्चों को। नौवीं और ग्यारहवीं में तीन लाख तक की संख्या में बच्चों को फेल कर देते हैं ताकि बोर्ड परीक्षा का नतीजा बेहतर दिखा सकें। इन बच्चों के भविष्य का तो सत्यानाश कर दिया न।

दिल्ली की खराब कानून व्यवस्था के लिए आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार पर आरोप लगाती है। साथ ही मतदाता सूची को लेकर भी आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है।
वीरेंद्र सचदेवा: दिल्ली में कानून और प्रशासन को कैसे बर्बाद किया जा सकता है यह कोई अरविंद केजरीवाल से सीखे। विधानसभा चुनाव के पहले उत्तर-पूर्व दिल्ली में दंगे होते हैं जिसका ‘मास्टरमाइंड’ आम आदमी पार्टी का नेता था। देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने वालों के समर्थन में कौन खड़ा होता है? देश को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले अफजल गुरु की रिहाई की मांग दिल्ली की मुख्यमंत्री के माता-पिता करते हैं। विदेश से ‘16 मिलियन डालर’ का चंदा आता है और चंदा पाने वाली संस्थाएं किसे समर्थन देती हैं? दिल्ली के स्कूलों में बम रखे होने की सारी घटनाएं फर्जी निकलीं। जांच शुरू हुई तो उसके तार भी आम आदमी पार्टी के लोगों से जुड़ने लगे। अवैध बांग्लादेशियों के वोट बना कर इन्होंने दिल्ली को जीता है। 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद हमने नजर रखनी शुरू कर दी है और इनके फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। अवैध मतदाताओं के वोटों पर अगर अरविंद केजरीवाल दिल्ली का जनादेश खरीदना चाहते हैं तो यह हम नहीं होने देंगे। पहले हम धोखा खा चुके हैं, इस बार नहीं खाएंगे। पुलिस जांच कर रही है। नकली आधार कार्ड बन रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने देश की सुरक्षा के साथ दिल्ली की सुरक्षा को दांव पर लगा कर देशद्रोह का काम किया है।

भाजपा पर आरोप है कि जमीनी नेताओं की अनदेखी कर आसमानी उम्मीदवार उतार देती है। काम करने वालों के चेहरों के बरक्स विभिन्न क्षेत्रों में बड़े नामों को तरजीह देती है। गौतम गंभीर, हंस राज हंस जैसे नेताओं पर आरोप लगा कि इन्हें दिल्ली की जनता के सुख-दुख से कोई मतलब नहीं रहा, बस सीट जीत कर पार्टी को दे दी।
वीरेंद्र सचदेवा: सांस्कृतिक, सामाजिक, खेल के क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को राजनीति में लाने का काम सभी राजनीतिक दल करते हैं। उन्हें राजनीति के मैदान में अपनी योग्यता दिखाने का अवसर दिया जाता है। अरविंद केजरीवाल से लेकर ममता बनर्जी तक ने ऐसा किया। भाजपा में ऐसे उम्मीदवारों के कामों की समीक्षा भी होती है। अगर पार्टी ने आपको अवसर दिया तो आपने जनता के लिए क्या किया? इसी पैमाने पर हम आगे देखते हैं। हमारे यहां किसी तरह का व्यक्तिवादी वर्चस्व नहीं है, किसी का एकाधिकार नहीं है।

भाजपा पर यह भी आरोप है कि टिकट देने के समय बाहर से आए नेताओं को तवज्जो दे देती है। अगर उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो अपनी ‘वाशिंग मशीन’ में दाग धो भी देती है।
वीरेंद्र सचदेवा: किसी योग्य व्यक्ति का दम घुट रहा है और वह अपनी योग्यता के आधार पर भाजपा में आना चाहता है तो क्या बुरा है? कानून व संविधान के राज में ‘वाशिंग मशीन’ का आरोप बेतुका है। किसी पर मुकदमा चल रहा है तो कानून के अनुसार ही कार्रवाई होगी।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि अगर दिल्ली की सत्ता में भाजपा आई तो सारी जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी जाएंगी।
वीरेंद्र सचदेवा: केजरीवाल सिर्फ झूठ की और भ्रामक राजनीति की बात करते हैं। धोखे की बात करते हैं। वे लोगों को डराने की बात करते हैं। प्रधानमंत्री ने रोहिणी में कहा कि दिल्ली एक छोटा भारत है। हर गरीब को पक्का मकान देना मोदी की गारंटी है। अब अरविंद केजरीवाल मोदी की गारंटी से मुकाबला तो नहीं ही कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि जनकल्याण की सारी योजनाएं चलती रहेंगी।

दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आप कांग्रेस को कहां खड़ी देखते हैं?
वीरेंद्र सचदेवा: कांग्रेस को पूरे हिंदुस्तान में लोग कहां देखते हैं? कांग्रेस को गंभीरता से कौन लेता है? कांग्रेस ने छह महीने पहले आम आदमी पार्टी को गले लगाया। आज दोनों एक-दूसरे का गला काटने की बात कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भ्रष्टाचार में एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों ने दिल्ली को बर्बाद किया। समय आ गया है, दिल्ली को इन भ्रष्टाचारियों से मुक्त करने का।

दिल्ली में लगे चुनावी पोस्टरों में एक तरफ मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में केजरीवाल हैं और भाजपा की तरफ सवालिया निशान। आप मुख्यमंत्री पद के चेहरे का एलान क्यों नहीं कर रहे?
वीरेंद्र सचदेवा: क्या केजरीवाल मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं? यह दावा धोखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, वे किसी सरकारी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकते।

आपको उम्मीद है दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने की?
वीरेंद्र सचदेवा: बिल्कुल। तारीख और समय नोट कर लीजिए।

कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है आपको?
वीरेंद्र सचदेवा: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे। दिल्ली का नेतृत्व एक बेहतरीन सरकार करेगी।

आप प्रदेश अध्यक्ष हैं। अपने सहयोगियों की जिम्मेदारी भी आप पर है। पिछले दिनों रमेश बिधूड़ी पर महिला विरोधी बातें करने का आरोप लगा। भाजपा को गाली-गलौज पार्टी कहा गया।
वीरेंद्र सचदेवा: मैं रमेश बिधूड़ी की बात का समर्थन नहीं करता। मैंने उसी दिन प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। मेरा सवाल यह है कि अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुला कर एक महिला सांसद को पीटने के आरोप लगे तब वे चुप क्यों रहे? एक महिला सांसद के उत्पीड़न पर आतिशी मार्लेना कुछ क्यों नहीं बोलीं?

आतिशी के उपनाम पर आपका इतना जोर क्यों है? राजनीति में उपनाम की अहमियत मानते हैं?
वीरेंद्र सचदेवा: मेरे लिए उपनाम की अहमियत नहीं है। मैं इतना कहना चाह रहा हूं कि चुनावी राजनीति के लिए नाम क्यों बदला? कारण तो बताना पड़ेगा।

प्रवेश वर्मा पर पैसे बांटने के आरोप लगे।
वीरेंद्र सचदेवा: प्रवेश वर्मा ने पैसे नहीं बांटे। मैंने खुद साहिब सिंह वर्मा के ‘राष्ट्रीय स्वाभिमान मंच’ के साथ काम किया है। यह 1997-98 में बना था जो महिलाओं और किसानों के लिए काम करता है। प्रवेश वर्मा अगर युवाओं को नौकरी दिलाने में मदद कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है?

आपत्ति चुनावी समय में करने पर है।
वीरेंद्र सचदेवा: देश में हर समय कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं। इसलिए एक देश एक चुनाव होना चाहिए ताकि कोई पांच साल तक काम कर सके।

प्रवेश वर्मा या कोई और नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल है?
वीरेंद्र सचदेवा: हमारा मुख्यमंत्री कमल का निशान है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा काम की पहचान। इस पर हम वोट मांग रहे हैं। उसके बाद विधायक दल की बैठक होगी। मुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।

प्रधानमंत्री के चेहरे पर ज्यादा निर्भरता नहीं है?
वीरेंद्र सचदेवा: अगर मेरे पास कोहिनूर का हीरा है तो मैं उसे बार-बार दिखाऊंगा। मुझे उस पर गर्व है।

दिल्ली में मुख्य मुद्दा क्या मानते हैं?
वीरेंद्र सचदेवा: भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है। टूटी सड़कें और प्रदूषण मुद्दा है। गंदा पानी, बिजली के बढ़े बिल के साथ दिल्ली में प्रशासन ही अपने आप में बड़ा मुद्दा है। मां यमुना मुद्दा है। ऐसी दिल्ली बनानी है जिससे लोग आंखें न चुराएं। ऐसी दिल्ली बनानी है जिस पर गर्व हो।